क्या अटल बिहारी वाजपेयी नेहरू से भी बड़े नेता थे?

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क्या अटल बिहारी वाजपेयी नेहरू से भी बड़े नेता थे?

सारांश

अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर उनके और पंडित नेहरू के बीच के संबंधों का एक दिलचस्प किस्सा जानें। कैसे नेहरू ने भविष्यवाणी की थी कि वाजपेयी एक दिन प्रधानमंत्री बनेंगे। जानें उनकी राजनीतिक यात्रा और संसद के गरिमामयी क्षणों के बारे में।

Key Takeaways

  • अटल बिहारी वाजपेयी ने दो बार प्रधानमंत्री का पद संभाला।
  • नेहरू ने भविष्यवाणी की थी कि वाजपेयी एक दिन प्रधानमंत्री बनेंगे।
  • संसद में मतभेद होना स्वाभाविक है, लेकिन सम्मान के साथ होना चाहिए।

नई दिल्ली, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। इस समय संसद के दोनों सदनों में गजब का गतिरोध देखने को मिल रहा है। लोकतंत्र के इस मंदिर में शोर-गुल और आरोप-प्रत्यारोप का माहौल बना हुआ है। 'वोट चोरी' जैसे आरोप संसद की गरिमा को चुनौती दे रहे हैं। लेकिन इतिहास गवाह है कि जब जवाहर लाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेता आमने-सामने होते थे, तब संसद में मर्यादा और परिपक्वता का स्तर अलग होता था। मौजूदा मानसून सत्र की स्थिति को देखते हुए, अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर उनका एक किस्सा याद आता है।

पंडित जवाहरलाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी में कई समानताएं थीं। दोनों ही नेताओं ने अपने-अपने दलों से भारत के प्रधानमंत्री बनने का गौरव प्राप्त किया। एक किस्सा है कि नेहरू ने वाजपेयी के बारे में भविष्यवाणी की थी कि वह 'एक दिन' उनकी गद्दी संभालेंगे।

नेहरू उनकी हिंदी बोलने की क्षमता से इतने प्रभावित थे कि 1957 में उन्होंने कहा था कि वाजपेयी भविष्य में भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे। एक विदेशी मेहमान से वाजपेयी का परिचय कराते हुए, नेहरू ने कहा, "यह युवक एक दिन देश का प्रधानमंत्री बनेगा।" नेहरू की यह भविष्यवाणी लगभग 40 साल बाद 1990 के दशक में सच साबित हुई।

हालांकि, पंडित नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी के बीच संसद में चर्चा के दौरान मतभेद भी उभरकर सामने आते थे। उस वक्त वाजपेयी सदन में नए थे और उन्होंने एक बार कहा था कि जब वह विदेश मंत्री बने, तो साउथ ब्लॉक में नेहरू जी की तस्वीर गायब थी।

एक बार वाजपेयी ने कहा था, 'आपका मिला-जुला व्यक्तित्व है। आपमें चर्चिल भी है और चेम्बरलेन भी है।' बावजूद इसके, नेहरू नाराज नहीं हुए। एक शाम की मुलाकात में उन्होंने कहा कि आपने शानदार भाषण दिया है।

एक बार लालू प्रसाद यादव ने संसद में मजाक किया था कि नेहरू ने कहा था कि 'अटल एक दिन प्रधानमंत्री बनेगा।' इस पर वाजपेयी खुद भी हंस पड़े थे।

जनता के बीच प्रसिद्ध अटल बिहारी वाजपेयी अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे। 13 अक्टूबर 1999 को उन्होंने दूसरी बार प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया। पंडित नेहरू के बाद वह पहले पीएम थे, जो लगातार दो बार प्रधानमंत्री बने। 16 अगस्त 2018 को उनका निधन हुआ था।

Point of View

हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि अटल बिहारी वाजपेयी और जवाहरलाल नेहरू के बीच की विचारधारा का मतभेद भी संसद की गरिमा को बढ़ाता था। दोनों नेताओं के बीच का संवाद हमें यह सिखाता है कि लोकतंत्र में मतभेद होना स्वाभाविक है, लेकिन उन्हें सम्मान और संवेदनशीलता के साथ व्यक्त करना चाहिए।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

अटल बिहारी वाजपेयी का योगदान क्या था?
अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत को दो बार प्रधानमंत्री के रूप में नेतृत्व दिया और उनकी राजनीतिक दृष्टि ने देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
नेहरू ने वाजपेयी के बारे में क्या कहा था?
नेहरू ने भविष्यवाणी की थी कि वाजपेयी एक दिन भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे, जो बाद में सच साबित हुई।
क्या वाजपेयी और नेहरू के बीच मतभेद थे?
जी हां, वाजपेयी और नेहरू के बीच अक्सर मतभेद होते थे, लेकिन उनके बीच संवाद का स्तर बहुत ऊँचा था।