क्या अयोध्या में रूस, थाईलैंड, इंडोनेशिया, नेपाल और श्रीलंका के कलाकार श्रीराम की लीला पेश करेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय रामलीला का आयोजन
- 90 विदेशी कलाकारों की भागीदारी
- रूस, थाईलैंड, इंडोनेशिया, नेपाल और श्रीलंका के कलाकार
- सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा
- अविस्मरणीय अनुभव के लिए तैयार रहें
अयोध्या, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। इस वर्ष के दीपोत्सव के नौवें संस्करण के अवसर पर अयोध्या एक अद्वितीय अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक मंच के रूप में उभर रही है। यहाँ एक अनोखा अंतरराष्ट्रीय रामलीला का आयोजन हो रहा है, जिसमें रूस, थाईलैंड, इंडोनेशिया, नेपाल और श्रीलंका के कलाकार मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की लीला का मंचन करेंगे। इन अंतरराष्ट्रीय कलाकारों की भागीदारी अयोध्या को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बनाएगी।
इस बार कुल 90 विदेशी कलाकार अयोध्या की पावन भूमि पर अपनी कला और सांस्कृतिक धरोहर के माध्यम से रामकथा को जीवंत रूप में प्रस्तुत करेंगे। राम कथा पार्क में इस वर्ष विभिन्न राज्यों की प्रसिद्ध रामलीलाओं का मंचन किया जाएगा।
रूस से आए 15 कलाकार रामलीला के दौरान स्वयंवर का दृश्य प्रस्तुत करेंगे। उनके मंचन में रूस की पारंपरिक रंगमंचीय तकनीक और भारतीय कथा का अनूठा मिश्रण दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देगा। इन कलाकारों ने इस प्रस्तुति के लिए महीनों की तैयारी की है और वे दर्शकों को राम और सीता के दिव्य मिलन का अनुभव कराएंगे।
थाईलैंड से आए 10 कलाकार रामलीला में शूर्पणखा और राम-लखन संघर्ष, मारीच से संघर्ष और राम-रावण युद्ध का मंचन करेंगे। इन युद्धों के माध्यम से राम और रावण के बीच धर्म और अधर्म की कहानी दर्शकों के सामने प्रस्तुत होगी। थाईलैंड के कलाकारों की पारंपरिक नृत्य-नाट्य शैली इस प्रस्तुति को और भी जीवंत बनाएगी।
इंडोनेशिया के 10 कलाकार रामलीला में लंका दहन और अयोध्या वापसी के दृश्य को अद्भुत ढंग से प्रस्तुत करेंगे। यह प्रस्तुति दर्शकों को राम के जीवन के महत्वपूर्ण मोड़ों का अनुभव कराएगी और अयोध्या की सांस्कृतिक धरोहर को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाएगी।
नेपाल से आए 33 कलाकार इस बार रामलीला में पहली बार लक्ष्मण पर शक्ति प्रदर्शन प्रस्तुत करेंगे। इससे पहले नेपाल की रामलीला मुख्य रूप से मां सीता पर केंद्रित होती थी। इस बार की प्रस्तुति अयोध्या में रामलीला के अंतरराष्ट्रीय स्तर को और भी प्रतिष्ठित बनाएगी और दर्शकों को रामकथा का नया दृष्टिकोण दिखाएगी।
श्रीलंका से आए 22 कलाकार में से दो कलाकार पहले ही अयोध्या पहुंच चुके हैं। यह टीम रामेश्वर की भूमि पर रावणेश्वरा का दृश्य प्रस्तुत करेगी। श्रीलंका वासी आज भी रावण को ईश्वर की भूमिका में मानते हैं और इस भाव को मंच पर जीवंत रूप से दिखाया जाएगा।
अयोध्या अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के सलाहकार और विशेष कार्याधिकारी आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि यह अंतरराष्ट्रीय रामलीला 17 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक चलेगी। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य न केवल रामलीला की परंपरा को जीवंत रखना है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय संस्कृति और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को विश्व स्तर पर प्रदर्शित करना है।
अयोध्या के 56 घाटों और मंदिरों पर लाखों दीपों की रोशनी में यह रामलीला देखने वालों के लिए अविस्मरणीय अनुभव बनेगी। दीपोत्सव के दौरान रंग-बिरंगी रोशनी, पारंपरिक और आधुनिक सजावट और अंतरराष्ट्रीय कलाकारों का मंचन अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत को और भी उजागर करेगा।
इस अंतरराष्ट्रीय रामलीला का अंतरराष्ट्रीय कलाकारों का मंचन, पारंपरिक भारतीय वेशभूषा, लाइटिंग और सेट डिजाइन, सभी दर्शकों के लिए एक यादगार अनुभव होगा। विदेशी कलाकारों की प्रस्तुति से न केवल भारतीय संस्कृति की वैश्विक पहचान बढ़ेगी, बल्कि अयोध्या में आयोजित दीपोत्सव की भव्यता और आकर्षण भी दोगुना होगा।