क्या बाबूबरही विधानसभा सीट मधुबनी का महत्वपूर्ण राजनीतिक और सांस्कृतिक केंद्र है?

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क्या बाबूबरही विधानसभा सीट मधुबनी का महत्वपूर्ण राजनीतिक और सांस्कृतिक केंद्र है?

सारांश

बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र, जो मधुबनी जिले का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, अपने सांस्कृतिक और राजनीतिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह क्षेत्र ऐतिहासिक स्थलों और धार्मिक मेलों से भरपूर है। जानिए इस विधानसभा क्षेत्र के बारे में और इसके चुनावी इतिहास के बारे में।

Key Takeaways

  • बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र मधुबनी जिले का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • यह क्षेत्र ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से भरा हुआ है।
  • कृषि यहाँ की मुख्य आर्थिक गतिविधि है।
  • इस क्षेत्र में धार्मिक मेलों का आयोजन होता है।
  • बाबूबरही ने 12 विधानसभा चुनावों में भाग लिया है।

पटना, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के उत्तर में नेपाल की सीमा के निकट स्थित बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र मधुबनी जिले का एक मुख्य हिस्सा है। इसमें बाबूबरही और लदनिया सामुदायिक विकास खंड, साथ ही खजौली प्रखंड की 7 ग्राम पंचायतें शामिल हैं। इसके अलावा, बाबूबरही प्रखंड में 20 और लदनिया में 15 ग्राम पंचायतें आती हैं।

यह क्षेत्र अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। बाबूबरही क्षेत्र में बलिराजगढ़ नामक पुरातात्विक स्थल स्थित है, जिसे पौराणिक असुर राजा बलि की राजधानी माना जाता है। यहाँ पर राजा पद्मसिंह की राजधानी धरहरवा डीह, लक्ष्मी नारायण मंदिर, सर्रा के मदनेश्वर स्थान मंदिर, और खोजपुर के सोमनाथ महादेव मंदिर जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल भी हैं। पिपराघाट के त्रिवेणी संगम पर कार्तिक मास में एक माह का कल्पवास और पांच दिवसीय कार्तिक पूर्णिमा मेला आयोजित होता है। यहाँ कमला, बलान और सोनी नदियों का संगम भी दर्शनीय है।

बाबूबरही जिला मुख्यालय मधुबनी से लगभग 35 किलोमीटर और दरभंगा से करीब 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। निकटतम रेलवे स्टेशन खजौली है, जो लगभग 15 किलोमीटर दूर है। राज्य की राजधानी पटना यहाँ से दक्षिण-पश्चिम में लगभग 180 किलोमीटर की दूरी पर है।

क्षेत्र की अधिकांश आबादी ग्रामीण है और आजीविका के लिए मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है। कृषि यहाँ के लोगों की आर्थिक रीढ़ है और स्थानीय संस्कृति में इसकी गहरी जड़ें हैं।

1977 में लदनिया निर्वाचन क्षेत्र के विघटन के बाद बाबूबरही को एक अलग विधानसभा क्षेत्र के रूप में गठित किया गया। तब से यह क्षेत्र 12 विधानसभा चुनावों में हिस्सा ले चुका है, जिसमें 2003 का एक उपचुनाव भी शामिल है।

शुरुआती वर्षों में यहाँ समाजवादी विचारधारा का दबदबा रहा, जिसमें देव नारायण यादव प्रमुख रहे। उन्होंने इस सीट से कई बार जीत हासिल की और 1990, 1995 और 2000 में लगातार निर्वाचित हुए। देव नारायण यादव लंबे समय तक विधानसभा अध्यक्ष भी रहे। पिछले कई चुनावों में यहाँ राजद और जेडीयू के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलता रहा है। पिछली बार जदयू की ओर से मीना कामत को टिकट मिला था, जो पूर्व मंत्री और जदयू के दिवंगत नेता कपिलदेव कामत की बहू हैं। वहीं, आरजेडी ने उमाकांत यादव को मैदान में उतारा था, लेकिन मीना कामत ने जीत दर्ज की थी।

Point of View

जहां राजनीतिक और सांस्कृतिक धरोहरें आपस में जुड़ी हुई हैं। यह क्षेत्र न केवल अपने ऐतिहासिक स्थलों के कारण महत्वपूर्ण है, बल्कि यहां की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था और सामाजिक संरचना भी इसे एक विशेष पहचान देती है।
NationPress
02/10/2025

Frequently Asked Questions

बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र कहाँ स्थित है?
बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र बिहार के मधुबनी जिले में स्थित है, जो नेपाल की सीमा के निकट है।
यहाँ के प्रमुख धार्मिक स्थल कौन से हैं?
यहाँ बलिराजगढ़, लक्ष्मी नारायण मंदिर, और सोमनाथ महादेव मंदिर जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल हैं।
बाबूबरही क्षेत्र की मुख्य आर्थिक गतिविधि क्या है?
यहाँ की अधिकांश आबादी कृषि पर निर्भर है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
इस क्षेत्र में कितने ग्राम पंचायतें हैं?
बाबूबरही क्षेत्र में कुल 42 ग्राम पंचायतें हैं, जिसमें बाबूबरही और लदनिया प्रखंड शामिल हैं।
बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र का चुनावी इतिहास क्या है?
बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र ने 1977 से अब तक 12 विधानसभा चुनावों में भाग लिया है।