क्या चौथ माता मंदिर में मिलता है पति की लंबी आयु का वरदान?

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क्या चौथ माता मंदिर में मिलता है पति की लंबी आयु का वरदान?

सारांश

करवाचौथ के पर्व पर चौथ माता मंदिर का विशेष महत्व है। यहाँ महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए आशीर्वाद लेने आती हैं। जानें इस मंदिर की अद्भुत विशेषताएँ और क्यों इसे सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।

Key Takeaways

  • चौथ माता मंदिर पति की लंबी आयु का वरदान देता है।
  • यह मंदिर अरावली पर्वत की पहाड़ियों पर स्थित है।
  • उज्जैन का मंदिर केवल करवाचौथ के दिन खुलता है।
  • यहाँ आशीर्वाद लेने वाली महिलाएं अपनी इच्छाएँ पूरी करने आती हैं।
  • मंदिर की वास्तुकला राजस्थान की पारंपरिक कला को दर्शाती है।

नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। 9 अक्टूबर को पूरे देश में करवाचौथ का पर्व मनाया जाएगा। यह पर्व विशेष रूप से उत्तर और मध्य भारत के राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है।

इस दिन पत्नियां अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला उपवास करती हैं और रात को चांद को देखकर अपना उपवास खोलती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजस्थान और उज्जैन में चौथ माता को समर्पित एक ऐसा मंदिर है, जहाँ महिलाएं अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद लेने जाती हैं?

राजस्थान के माधोपुर जिले के चौथ शहर के बरवाड़ा कस्बे में स्थित सिद्धपीठ चौथ माता का मंदिर पति की लंबी आयु के वरदान के लिए प्रसिद्ध है। मान्यता है कि जो महिलाएं चौथ माता का आशीर्वाद लेती हैं, उनके पति की आयु क्षीण नहीं होती। यह मंदिर अरावली पर्वत की पहाड़ियों पर बसा है और भक्तों को प्रांगण तक पहुंचने के लिए लंबी सीढ़ियाँ चढ़नी होती हैं। करवाचौथ के अवसर पर इस मंदिर में महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ती है।

चौथ माता, मां गौरी का दूसरा रूप मानी जाती हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर में मांगी गई इच्छा कभी अधूरी नहीं रहती। नवरात्रि के दौरान भी यहां विशेष भीड़ होती है। यह मंदिर इसलिए भी खास है क्योंकि इसका निर्माण शासक भीम सिंह ने कराया था। मंदिर की बनावट राजस्थान की कला और पुरानी पारंपरिक शैली का प्रतिनिधित्व करती है।

बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में भी मां पार्वती को समर्पित करवा चौथ माता का मंदिर है। यह मंदिर उन्हेल बायपास के पास जीवनखेड़ी गांव में स्थित है, लेकिन इसकी मान्यता बेहद प्रबल है। यहां मां पार्वती अपनी दोनों बहुओं, ऋद्धि और सिद्धि के साथ विराजमान हैं, और भगवान गणेश भी साथ में हैं। इस मंदिर का विशेषता यह है कि यह केवल करवाचौथ के दिन ही खुलता है और साल के बाकी दिनों में बंद रहता है। इस मंदिर का निर्माण डॉ. कैलाश नागवंशी ने अपनी मां को समर्पित करते हुए किया है।

Point of View

बल्कि महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। पति की लंबी आयु की कामना और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद लेने के लिए महिलाएं यहाँ आती हैं। यह एक ऐसा स्थान है जो न केवल श्रद्धा को बढ़ावा देता है, बल्कि पारिवारिक संबंधों को भी मजबूत बनाता है।
NationPress
02/10/2025

Frequently Asked Questions

चौथ माता मंदिर कहाँ स्थित है?
चौथ माता का मंदिर राजस्थान के माधोपुर जिले के बरवाड़ा कस्बे में स्थित है।
क्या चौथ माता का आशीर्वाद लेने से पति की आयु बढ़ती है?
हाँ, मान्यता है कि चौथ माता का आशीर्वाद लेने वाली महिलाएं अपने पतियों की लंबी आयु की कामना करती हैं।
उज्जैन में चौथ माता का मंदिर कब खुलता है?
उज्जैन में चौथ माता का मंदिर केवल करवाचौथ के दिन ही खुलता है।
चौथ माता का मंदिर किसने बनवाया था?
चौथ माता का मंदिर शासक भीम सिंह ने बनवाया था।
क्या नवरात्रि के दौरान भी मंदिर में भीड़ रहती है?
हाँ, नवरात्रि के दौरान भी चौथ माता के मंदिर में विशेष भीड़ होती है।