क्या बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार दुर्भाग्यपूर्ण है? ढाका पर मिसाइल छोड़ने की आवश्यकता है: आनंद दुबे
सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा बढ़ रही है।
- आनंद दुबे ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
- भारत को बांग्लादेश के खिलाफ ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
- हिंदू सहिष्णु हैं, लेकिन उन्हें शस्त्र उठाने का हक है।
- राजनीतिक बयानबाजी से बचना जरूरी है।
मुंबई, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को लेकर विपक्ष ने भारत सरकार से ठोस कदम उठाने की अपील की है। इस संदर्भ में, शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने रविवार को इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
आनंद दुबे ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र में हिंदुत्ववादी सरकार होने के बावजूद बांग्लादेश में हिंदू लगातार प्रताड़ित हो रहे हैं। यह बहुत दुखद है और ऐसा नहीं होना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि हमारी केंद्र सरकार से यह मांग है कि जैसे पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को उचित जवाब दिया गया, वैसे ही बांग्लादेश को भी कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। एक मिसाइल ढाका में छोड़ने से स्थिति ठीक हो जाएगी। डर के बिना कुछ नहीं होगा। जैसे हम पाकिस्तान को डराए हुए हैं, वैसे ही बांग्लादेश को भी डराना चाहिए। किसी की हिम्मत नहीं होनी चाहिए कि वह आँख उठाकर देख सके। यह नया भारत है, जो घर में घुसकर कार्रवाई करेगा।
उन्होंने आगे कहा, "हमें पता नहीं कि बांग्लादेश में क्या चल रहा है, लेकिन बांग्लादेश में हिंदू भाई-बहनों पर अत्याचार अब रुकना चाहिए। हिंदू सहिष्णु और उदार हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे शस्त्र नहीं उठा सकते। हिंदू और सनातनियों ने हमेशा दुनिया को दिशा दी है। अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री मोदी को बड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता, तो उन्हें हिंदू कहलाना और हिंदू की बात करना बंद कर देना चाहिए।"
आनंद दुबे ने एआईएमआईएम प्रवक्ता वारिस पठान के हिजाब वाली महिला महापौर बनने के बयान पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा, "यह वारिस पठान भी जानते हैं कि महापौर कोई मराठी ही हो सकता है। वे भाजपा की बी टीम के प्रवक्ता हैं, जो हमेशा भाजपा की मदद करते हैं। यही कारण है कि उन्होंने चुनाव में ध्रुवीकरण के लिए बयानबाजी की है। मुंबई में रहने वाला हर मराठी मानुष शिवसेना के साथ है। हिंदू, मुसलमान, सिख और ईसाई सभी शिवसेना के साथ हैं। मुंबई का महापौर हिंदू और मराठी ही होगा, यह सभी जानते हैं। इसके बावजूद कुछ पार्टियां बार-बार जहर घोलने का काम कर रही हैं।"
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को लेकर दिए हालिया बयान पर आनंद दुबे ने कहा, "आरएसएस और दिग्विजय सिंह के विचारों में बहुत विरोधाभास है। लेकिन, आरएसएस जिस प्रकार से लोगों के बीच हिंदुत्व के लिए काम करती है, वो भी छुपी बात नहीं है।"