क्या बेंगलुरु में कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र के आवास पर ईडी ने छापेमारी की?

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क्या बेंगलुरु में कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र के आवास पर ईडी ने छापेमारी की?

सारांश

चित्रदुर्ग में कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र के आवास पर ईडी की छापेमारी ने सभी को चौंका दिया है। क्या यह छापेमारी पूर्व के विवादों से जुड़ी है? जानिए पूरी कहानी और इसके पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • ईडी की छापेमारी ने राजनीतिक हलचल पैदा की है।
  • विधायक केसी वीरेंद्र की भूतकाल की विवादों से जुड़ाव।
  • फंडिंग और वित्तीय अनियमितताओं की गहनता।

चित्रदुर्ग (कर्नाटक), 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने शुक्रवार सुबह चित्रदुर्ग जिले और बेंगलुरु के अनेक स्थानों पर कांग्रेस विधायक के. सी. वीरेंद्र और उनके भाइयों के निवास पर छापे मारे।

जानकारी के अनुसार, विधायक वीरेंद्र और उनके बड़े भाई के.सी. नागराजा तथा के.सी. टिप्पेस्वामी के चल्लकेरे शहर में स्थित चार से अधिक स्थानों पर तलाशी ली गई।

उनके रिश्तेदार होसामने स्वामी की संपत्तियों पर भी छापेमारी की गई।

बेंगलुरु के सहकारनगर क्षेत्र में स्थित वीरेंद्र के घर और वीरशैव एसोसिएशन के सचिव प्रसन्ना कुमार के निवास पर भी छापे मारे गए।

सूत्रों के अनुसार, विधायक वीरेंद्र इस समय एक व्यावसायिक यात्रा पर राज्य के बाहर हैं।

दिल्ली से आई ईडी की एक टीम ने सुबह-सुबह निजी वाहनों से छापेमारी शुरू की। अब आगे की जानकारी का इंतजार किया जा रहा है।

यह उल्लेखनीय है कि 2016 में विधायक वीरेंद्र, जो उस समय जेडी(एस) पार्टी में थे, को गिरफ्तार किया गया था जब आयकर विभाग ने उनके बाथरूम में बने एक गुप्त कक्ष से 5.70 करोड़ रुपये की नई करंसी बरामद की थी।

अधिकारियों को चल्लकेरे कस्बे में विधायक के घर से बाथरूम की टाइलों के पीछे छिपाकर रखे गए 32 किलो सोने के बिस्कुट और आभूषण मिले थे। इसके अलावा, 90 लाख रुपये के पुराने नोट भी बरामद हुए थे।

इस मामले में वीरेंद्र के अलावा, चित्रदुर्ग के दो बिचौलियों और चार बैंकों के कुछ अज्ञात अधिकारियों के नाम भी एफआईआर में दर्ज किए गए हैं।

बाद में, सीबीआई की जांच में पता चला कि विधायक वीरेंद्र और कुछ बैंक अधिकारियों ने 2016 में बंद हो चुके 5.76 करोड़ रुपये के नोटों को 2,000 और 500 रुपये के नए नोटों में बदलने की आपराधिक साजिश की थी।

सीबीआई के आरोपपत्र में कहा गया है कि बैंक अधिकारियों ने रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की और कई लोगों के नाम पर फर्जी पहचान और पते के दस्तावेज बनाए ताकि यह दिखा सकें कि पैसे का लेन-देन एटीएम काउंटरों के जरिए हुआ था।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम इस मामले में निष्पक्षता से विचार करें। ईडी की गतिविधियाँ एक महत्वपूर्ण संकेत हैं कि राजनीति और व्यवसाय के बीच का अंतर धीरे-धीरे धुंधला होता जा रहा है। हमें सच्चाई को जानने की आवश्यकता है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने किस कारण से छापेमारी की?
ईडी ने कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र और उनके भाइयों के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतों के चलते छापेमारी की।
क्या विधायक इस समय राज्य में हैं?
नहीं, विधायक वीरेंद्र इस समय एक व्यवसायिक दौरे पर राज्य से बाहर हैं।
छापेमारी के दौरान क्या बरामद हुआ?
छापेमारी के दौरान 32 किलो सोने के बिस्कुट, आभूषण और 90 लाख रुपये के पुराने नोट बरामद किए गए।