क्या 16 दिसंबर का दिन भारत और बांग्लादेश के लिए खास है?
सारांश
Key Takeaways
- 16 दिसंबर 1971 को बांग्लादेश को स्वतंत्रता मिली।
- भारत और बांग्लादेश में हर साल विजय दिवस मनाया जाता है।
- पूर्वी पाकिस्तान के लोग अपनी भाषा को लेकर संघर्ष कर रहे थे।
- शेख मुजीबुर रहमान ने पूर्वी पाकिस्तान के लोगों की आवाज़ उठाई।
- भारतीय सेना ने पाकिस्तान को एक बड़ी हार दी।
नई दिल्ली, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में भारत और बांग्लादेश में मनाया जाता है। 16 दिसंबर 1971 का दिन इन दोनों देशों के लिए ऐतिहासिक है। यही वर्ष था जब भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सैनिकों के दमनकारी कृत्यों को कुचलकर बांग्लादेश को स्वतंत्रता दिलाई।
16 दिसंबर 1971 तक के युद्ध का इतिहास 1947 से शुरू होता है, जब पाकिस्तान ने भारत से अलग होने की घोषणा की। 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान दो भागों में विभाजित हुआ - एक पूर्वी पाकिस्तान और दूसरा पश्चिमी पाकिस्तान। पूर्वी पाकिस्तान की जनसंख्या का 56 प्रतिशत हिस्सा बांग्ला बोलता था, जबकि पश्चिमी पाकिस्तान में पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो जैसी भाषाएं प्रचलित थीं।
पश्चिमी पाकिस्तान के नेताओं को पूर्वी पाकिस्तान के बांग्ला बोलने वालों से समस्याएं थीं। उन्होंने बांग्ला को हिंदू प्रभाव राष्ट्रीय भाषा मानने से इनकार कर दिया। इसके परिणामस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान में विद्रोह की भावना जागृत हुई।
1952 में भाषा आंदोलन की शुरुआत हुई। पूर्वी पाकिस्तान के लोगों का अपमान बढ़ने लगा, तब शेख मुजीबुर रहमान ने एक नई क्रांति का आगाज किया। उन्होंने पूर्वी पाकिस्तान के लोगों की आवाज़ उठाई, जो पश्चिमी पाकिस्तान के नेताओं को चुभने लगा।
1965 में मुजीबुर रहमान ने अपनी मांगें रखीं, जिसके कारण उन्हें 1968 में भारत के साथ मिलकर पाकिस्तान को तोड़ने की साजिश में फंसाया गया। 1970 के आम चुनाव में, उनकी पार्टी ने 162 में से 160 सीटें जीतीं, लेकिन पाकिस्तान की सरकार ने उनकी जीत को मानने से इनकार कर दिया।
अवश्य, 25 मार्च 1971 को पाकिस्तान सेना ने दमनकारी अभियान शुरू किया, जिसके कारण भारी संख्या में लोग भारत में शरण लेने लगे। बांग्लादेश ने मुक्ति संग्राम के तहत 1971 में पाकिस्तान से स्वतंत्रता प्राप्त की। 25 मार्च से 16 दिसंबर 1971 तक, पाकिस्तानी सैनिकों ने बांग्लादेश में नरसंहार किया।
इसके उपरांत, भारत ने 4 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध की घोषणा की, जो 16 दिसंबर को समाप्त हुआ। इस युद्ध में भारत की बड़ी जीत हुई और पाकिस्तान के करीब 82 हजार सैनिकों को बंदी बना लिया गया।
1974 में, पाकिस्तान ने मजबूरी में बांग्लादेश को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी और इसके बाद सभी मामलों को खत्म कर वापस उनके देश भेज दिया।