क्या भारत-चिली ने अपने बहुआयामी संबंधों को और गहरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई?

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क्या भारत-चिली ने अपने बहुआयामी संबंधों को और गहरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई?

सारांश

भारत और चिली ने अपने बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक नई प्रतिबद्धता जताई है। इस महत्वपूर्ण संबंध को और गहरा करने के लिए दोनों देशों के नेताओं ने कई मुद्दों पर चर्चा की। क्या यह संबंध दोनों देशों के लिए नई संभावनाओं का द्वार खोलेगा?

Key Takeaways

  • भारत और चिली के बीच दोस्ती मजबूत हो रही है।
  • दोनों देशों ने व्यापार और संस्कृति पर ध्यान केंद्रित किया है।
  • ग्लोबल साउथ की आवाज सम्मेलन में चिली की भागीदारी महत्वपूर्ण है।
  • राष्ट्रपति बोरिक की यात्रा ने संबंधों को और मजबूत किया।
  • दोनों देशों का दृष्टिकोण समान है।

नई दिल्ली, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और चिली ने अपने बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) सिबी जॉर्ज ने नई दिल्ली में आयोजित चिली के राष्ट्रीय दिवस समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व किया और दोनों देशों के बीच मजबूत साझेदारी को आगे बढ़ाने पर जोर दिया।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने एक्स पर समारोह की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “सचिव (पश्चिम) सिबी जॉर्ज ने चिली के राष्ट्रीय दिवस समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक की हालिया मुलाकातों के अनुसार भारत-चिली साझेदारी को मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई।”

जुलाई में ब्राजील के रियो डी जनेरियो में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट से मुलाकात की थी। पीएम मोदी ने उस समय एक्स पर लिखा था, “चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट से मुलाकात कर प्रसन्नता हुई। भारत-चिली दोस्ती और मजबूत होती जा रही है।”

इससे पहले अप्रैल में राष्ट्रपति बोरिक ने उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत की राजकीय यात्रा की थी। इसमें मंत्री, सांसद, वरिष्ठ अधिकारी, कारोबारी संगठनों के प्रतिनिधि, मीडिया और भारत-चिली सांस्कृतिक संबंधों से जुड़े प्रमुख लोग शामिल थे। यह यात्रा दोनों देशों के बीच 1949 में स्थापित हुए राजनयिक संबंधों के 76 वर्ष पूरे होने का प्रतीक रही।

दोनों नेताओं ने इस दौरान व्यापार, सांस्कृतिक संबंध, लोगों से लोगों के जुड़ाव और सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय रिश्तों पर विस्तृत चर्चा की थी। उन्होंने इस बहुआयामी साझेदारी को और आगे बढ़ाने की इच्छा भी व्यक्त की।

प्रधानमंत्री मोदी ने 'ग्लोबल साउथ की आवाज' सम्मेलनों के तीनों संस्करणों में चिली की सक्रिय भागीदारी की सराहना की। उन्होंने राष्ट्रपति बोरिक को अगस्त 2024 में होने वाले तीसरे सम्मेलन में अपने विचार साझा करने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि दोनों देशों का कई समसामयिक वैश्विक मुद्दों पर दृष्टिकोण समान है। इनमें वैश्विक शासन सुधार और विकासशील देशों को स्वच्छ एवं हरित प्रौद्योगिकियों तक समान अवसर दिलाना शामिल है।

राष्ट्रपति बोरिक ने भी ग्लोबल साउथ देशों के बीच सहभागिता बढ़ाने में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका की सराहना की।

Point of View

बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान और वैश्विक मुद्दों पर सामूहिक दृष्टिकोण को भी मजबूत करेगी। यह कदम भारत की विदेश नीति के लिए महत्वपूर्ण है।
NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत और चिली के बीच संबंधों की शुरुआत कब हुई?
भारत और चिली के बीच राजनयिक संबंध 1949 में स्थापित हुए थे।
भारत-चिली संबंधों में क्या नया है?
हाल ही में दोनों देशों ने अपने बहुआयामी संबंधों को और गहरा करने की प्रतिबद्धता जताई है।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बोरिक के बीच बातचीत का मुख्य विषय क्या था?
उन्होंने व्यापार, सांस्कृतिक संबंध और द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने पर चर्चा की।
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