क्या भारत और नेपाल कल उत्तराखंड में 19वां 'सूर्यकिरण' सैन्य अभ्यास शुरू कर रहे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- सूर्यकिरण सैन्य अभ्यास का आयोजन 25 नवंबर से 8 दिसंबर तक होगा।
- यह अभ्यास जंगलों और पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहकारिता बढ़ाएगा।
- दोनों देशों की सेनाओं के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करेगा।
- इस अभ्यास में सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान होगा।
- भारत ने नेपाल सेना के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
देहरादून, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और नेपाल 25 नवंबर (मंगलवार) से 8 दिसंबर तक उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में सालाना द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास सूर्यकिरण का 19वां संस्करण आयोजित करने जा रहे हैं।
भारतीय सेना के अनुसार, इस अभ्यास का उद्देश्य जंगलों में युद्ध और पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवाद के खिलाफ अभियानों के संचालन में तालमेल को मजबूत करना है।
यह इंटरऑपरेबिलिटी को बढ़ाने के लिए विशेष तकनीकों को शामिल करने पर भी ध्यान केंद्रित करता है, साथ ही साझा सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रदर्शित करता है, जो भारत और नेपाल के साझा संकल्प को वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए दर्शाता है। यह दोनों सेनाओं के बीच रक्षा सहयोग, मित्रता और आपसी विश्वास को और गहरा करता है। यह अभ्यास हर साल बारी-बारी से दोनों देशों में आयोजित होता है।
31 दिसंबर, 2024 से 13 जनवरी तक नेपाल के सलझंडी में हुए बटालियन स्तर के संयुक्त सैन्य अभ्यास सूर्यकिरण के 18वें संस्करण में भारतीय सेना की 334 जवानों वाली टुकड़ी ने भाग लिया। इस अभ्यास में संचालन की तैयारी, एविएशन से जुड़े पहलुओं, चिकित्सा प्रशिक्षण और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किया गया।
इन गतिविधियों के माध्यम से, सैनिकों ने अपनी ऑपरेशनल क्षमताओं को बढ़ाया, अपनी लड़ाई की कौशल को बेहतर बनाया और कठिन परिस्थितियों में एक साथ काम करने के लिए अपने तालमेल को मजबूत किया। इस अभ्यास ने भारत और नेपाल के सैनिकों को विचारों और अनुभवों के आदान-प्रदान, सर्वोत्तम प्रथाओं के साझा करने और एक-दूसरे के ऑपरेशनल प्रक्रियाओं की गहरी समझ बनाने का एक मंच प्रदान किया।
विदेश मंत्रालय (एमईए) के अनुसार, भारत और नेपाल के बीच रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में लंबे समय से और बड़े पैमाने पर आपसी लाभकारी सहयोग है। दोनों सेनाओं के बीच भरोसे और सम्मान पर आधारित एक मजबूत रिश्ता है। भारत ने नेपाल सेना के जवानों को विभिन्न प्रकार के रक्षा सामग्री प्रदान करके और नियमित प्रशिक्षण देकर नेपाल सेना के आधुनिकीकरण और क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
भारतीय सेना ने नेपाल में भारत के मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) ऑपरेशनों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, खासकर 2015 के भूकंप और कोविड-19 महामारी के दौरान।