क्या भारत फिलहाल रूस से तेल खरीदना बंद करेगा? : विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव

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क्या भारत फिलहाल रूस से तेल खरीदना बंद करेगा? : विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव

सारांश

क्या भारत रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा? विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव के अनुसार, आर्थिक और रणनीतिक कारणों से भारत को यह निर्णय लेना आवश्यक है। जानिए उनके विचार।

Key Takeaways

  • भारत रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा।
  • आर्थिक व्यावहारिकता महत्वपूर्ण है।
  • अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव पड़ेगा।
  • उत्पादकता बढ़ाने के उपाय जरूरी हैं।
  • नौकरियों का संकट संभावित है।

नई दिल्‍ली, 3 अगस्‍त (राष्ट्र प्रेस)। भारत के लिए रूस से तेल खरीदने के आर्थिक निहितार्थ और रणनीतिक पहलुओं पर विदेश मामलों के विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव का कहना है कि भारत फिलहाल रूस से तेल खरीदना बंद नहीं करेगा।

उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि भारत के सामने कई गंभीर आर्थिक सवाल हैं। पहला सवाल आर्थिक व्यावहारिकता का है। जब हम रूस से तेल खरीदते हैं, तो हम सालाना लगभग आठ से दस अरब डॉलर की बचत करते हैं। यह हमारी महत्वपूर्ण बचत है। हालांकि, यदि अमेरिका हम पर ज्यादा टैरिफ लगाता है, जो वर्तमान में लगभग 25 प्रतिशत है, तो हमारा निर्यात, जो 90 अरब डॉलर है, 15 से 20 अरब डॉलर तक घट सकता है। ऐसे में भारत को यह तय करना होगा कि वह दस अरब डॉलर की बचत करे या 20 अरब डॉलर। इसके अलावा, भारत सभी पहलुओं पर विचार कर निर्णय करेगा।

विशेषज्ञ सचदेव ने कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए इन टैरिफ का प्रभाव हमारी अर्थव्यवस्था पर जरूर पड़ेगा, इसमें कोई शक नहीं है। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के आने से पहले ड्यूटी ढाई प्रतिशत थी। जैसे-जैसे ड्यूटी बढ़ेगी, उत्पाद की कीमत में वृद्धि होगी, और निर्यात में गिरावट आएगी। इससे भारत में नौकरियों का संकट उत्पन्न हो सकता है। खासकर जेम्स एंड ज्वेलरी, ऑटोमोटिव, और टेक्सटाइल्‍स जैसे क्षेत्रों में नौकरियों के जाने का खतरा है।

उन्होंने कहा कि यह सामान्य समय नहीं हैं। ऐसे में हमें असाधारण कदम उठाने की आवश्यकता है। वर्तमान में अमेरिका की ट्रेड और टैरिफ नीतियां सक्रिय हैं। हमारे पास एक ब्रह्मास्त्र है, और हमें इसका सही इस्तेमाल करना चाहिए। भारत को एक वर्ष के लिए कार्य सप्ताह को पांच दिन से बढ़ाकर छह दिन करना चाहिए। यदि एक दिन का श्रम बढ़ता है, तो इसका अर्थ है कि हम उत्पादकता में 20 प्रतिशत की वृद्धि कर रहे हैं। इससे भारत की जीडीपी दो प्रतिशत बढ़ सकती है।

Point of View

हमें हमेशा अपने देश के हितों को प्राथमिकता देनी चाहिए। रूस से तेल खरीदने का निर्णय न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय हितों के लिए भी अनिवार्य है।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत रूस से तेल क्यों खरीद रहा है?
भारत रूस से तेल खरीदने से सालाना लगभग आठ से दस अरब डॉलर की बचत होती है।
क्या अमेरिका के टैरिफ का भारत पर प्रभाव पड़ेगा?
जी हाँ, अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से भारत की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है, जिससे निर्यात में कमी आ सकती है।
भारत के आर्थिक निर्णय में कौन से फेक्टर शामिल हैं?
भारत के निर्णय में आर्थिक व्यावहारिकता, अमेरिकी टैरिफ, और घरेलू उद्योगों की सुरक्षा शामिल हैं।