क्या भारत राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर सैटेलाइट से लेकर मानव अंतरिक्ष उड़ान तक की यात्रा का जश्न मनाने जा रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- भारत का दूसरा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस सैटेलाइट और मानव अंतरिक्ष उड़ान पर केंद्रित है।
- भारत ने चंद्रमा पर उतरने में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
- भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में 300 से अधिक स्टार्टअप्स पंजीकृत हैं।
- गगनयान मिशन का पहला मानवरहित उड़ान दिसंबर में होने जा रहा है।
- निसार सैटेलाइट सभी सिस्टम्स के साथ कार्यशील है।
नई दिल्ली, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत आज दूसरा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है। यह दिन सैटेलाइट से लेकर ह्यूमन स्पेसफ्लाइट तक देश की यात्रा का जश्न मनाने के लिए महत्वपूर्ण होगा।
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 23 अगस्त 2023 को भारत ने चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा और दक्षिणी ध्रुव पर पहुँचने वाला पहला देश बनकर इतिहास रचा। यह एक ऐसा क्षण था जिसने भविष्य की संभावनाओं को प्रेरित किया।
उन्होंने कहा, "कल, हम दूसरा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाएंगे, जो सैटेलाइट से लेकर मानव अंतरिक्ष उड़ान तक के भारत के सफर और अनंत संभावनाओं के दृष्टिकोण का जश्न होगा।"
भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र देश की तकनीकी और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
2020 में ऐतिहासिक अंतरिक्ष सुधारों के साथ, सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र को उदार बना दिया है और भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) का गठन किया है।
इन सुधारों के बाद, पंजीकृत अंतरिक्ष स्टार्टअप्स की संख्या तेजी से बढ़कर 300 से अधिक हो गई है।
इन-स्पेस ने नवंबर 2022 और मई 2024 में भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप्स की दो सफल सब-ऑर्बिटल फ्लाइट्स को भी सुगम बनाया है। इसके अलावा, इसरो और गैर-सरकारी संस्थाएँ (एनजीई) ने मिलकर चौदह सैटेलाइट को ऑर्बिट में लॉन्च किया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी. नारायणन के अनुसार, गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन का पहला मानवरहित मिशन जी1, अर्ध-मानव रोबोट व्योममित्र के साथ लॉन्च के लिए तैयार है और इसको दिसंबर में लॉन्च करने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में लॉन्च किया गया नासा इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार सैटेलाइट (निसार) पूरी तरह से कार्यशील है और सभी सिस्टम सुचारू रूप से काम कर रहे हैं।