क्या कृषि क्षेत्र में स्थिर मूल्यों पर उत्पादन ने 54.6 प्रतिशत की वृद्धि की?

सारांश
Key Takeaways
- 54.6 प्रतिशत की वृद्धि कृषि क्षेत्र में स्थिर मूल्यों पर उत्पादन में हुई है।
- अनाजों में धान और गेहूं का जीवीओ मुख्य है।
- सब्जियों में आलू का योगदान सबसे अधिक है।
- मसालों में मध्य प्रदेश का योगदान उल्लेखनीय है।
- मत्स्य पालन का योगदान भी बढ़ता जा रहा है।
नई दिल्ली, 28 जून (राष्ट्र प्रेस) । सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी एक नवीनतम रिपोर्ट में बताया गया है कि कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों में स्थिर मूल्यों पर उत्पादन का सकल मूल्य (जीवीओ) 2011-12 में 1,908 हजार करोड़ रुपए से बढ़कर 2023-24 में 2,949 हजार करोड़ रुपए हो गया है, जो कि लगभग 54.6 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
इसके अतिरिक्त, वर्तमान मूल्यों पर कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के सकल मूल्य संवर्धन (जीवीए) में भी लगभग 225 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जो 2011-12 में 1,502 हजार करोड़ रुपए से बढ़कर 2023-24 में 4,878 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।
फसल क्षेत्र ने 1,595 हजार करोड़ के जीवीओ के साथ 2023-24 में 54.1 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के कुल जीवीओ में सबसे बड़ा योगदान दिया है। इस वर्ष अनाज और फल एवं सब्जियों का कुल मिलाकर कुल फसल जीवीओ में 52.5 प्रतिशत हिस्सा रहा।
अनाजों में केवल धान और गेहूं ही 2023-24 में सभी अनाजों के जीवीओ का लगभग 85 प्रतिशत हिस्सा हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, पांच राज्यों - उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, तेलंगाना और हरियाणा ने 2023-24 में अनाज के जीवीओ में लगभग 53 प्रतिशत का योगदान दिया। उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 2011-12 में 18.6 प्रतिशत से घटकर 2023-24 में 17.2 प्रतिशत रह गई है।
फल समूह में 2023-24 में केले का स्थिर मूल्य जीवीओ 47.0 हजार करोड़ आम के 46.1 हजार करोड़ से आगे निकल गया है। 2011-12 से 2021-22 तक फल समूह में जीवीओ में आम का सबसे अधिक योगदान रहा है।
सब्जी समूह के जीवीओ में आलू का योगदान 2011-12 में 21.3 हजार करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 37.2 हजार करोड़ हो गया है।
फूलों की खेती में जीवीओ में शानदार वृद्धि हुई है, जो 2011-12 में 17.4 हजार करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 28.1 हजार करोड़ तक पहुंच गया। यह बागवानी में बढ़ती वाणिज्यिक रुचि और विविधीकरण को दर्शाता है।
मसालों के जीवीओ में 2023-24 में मध्य प्रदेश 19.2 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ शीर्ष योगदानकर्ता बन गया, जबकि कर्नाटक और गुजरात क्रमशः 16.6 प्रतिशत और 15.5 प्रतिशत के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
पशुधन उत्पादों का जीवीओ 2011-12 में 488 हजार करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 919 हजार करोड़ हो गया है। इस क्षेत्र में दूध का दबदबा बना रहा, हालांकि 2011-12 से 2023-24 के दौरान हिस्सेदारी 67.2 प्रतिशत से घटकर 65.9 प्रतिशत हो गई है।
वानिकी और लॉगिंग क्षेत्र ने 2011-12 से 2023-24 के दौरान 149 हजार करोड़ से 227 हजार करोड़ तक मध्यम लेकिन लगातार वृद्धि दर्ज की है। औद्योगिक लकड़ी का मूल्य हिस्सा 2011-12 में 49.9 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 70.2 प्रतिशत हो गया।
भारत के कृषि जीवीए में मत्स्य पालन और जलीय कृषि का महत्व लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसका योगदान 2011-12 में 4.2 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 7.0 प्रतिशत हो गया है।
2011-12 से 2022-23 के दौरान दो प्रमुख योगदानकर्ता राज्यों पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में मत्स्य पालन में जीवीओ में बड़ा बदलाव देखा गया है।