क्या 'विकसित भारत' विजन के तहत 2047 तक भारत की शहरी आबादी लगभग 88 करोड़ तक बढ़ेगी?

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क्या 'विकसित भारत' विजन के तहत 2047 तक भारत की शहरी आबादी लगभग 88 करोड़ तक बढ़ेगी?

सारांश

भारत के 'विकसित भारत' विजन के अनुसार, 2047 तक शहरी आबादी के 88 करोड़ तक पहुँचने की संभावना है। शहरीकरण को चुनौती नहीं, बल्कि विकास का अवसर माना जा रहा है। इस दिशा में कई महत्वपूर्ण योजनाएं और रणनीतियाँ लागू की जा रही हैं।

Key Takeaways

  • शहरी आबादी के बढ़ने की संभावना 88 करोड़ तक।
  • शहरीकरण को अवसर के रूप में देखना।
  • अमृत मिशन का परिवर्तनकारी दृष्टिकोण।
  • रियल एस्टेट का आर्थिक योगदान 13 प्रतिशत।
  • सामाजिक समानता और स्थिरता के लिए प्रयास।

नई दिल्ली, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि 'विकसित भारत' के विजन के तहत, 2047 तक भारत की शहरी आबादी लगभग 88 करोड़ तक पहुँचने की संभावना है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शहरीकरण केवल एक चुनौती नहीं, बल्कि हमारे शहरों को विकास के वाइब्रेंट और सस्टेनेबल हब में बदलने का एक अवसर है।

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के पूर्व सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि रियल एस्टेट वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था में लगभग 13 प्रतिशत का योगदान करता है, जिसमें किफायती आवास और विकास क्षेत्र लगभग 10 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है, जो इसे राष्ट्रीय विकास के सबसे प्रभावशाली इंजनों में से एक बनाता है।

राष्ट्रीय राजधानी में एसोचैम रियल एस्टेट सम्मेलन को संबोधित करते हुए मिश्रा ने कहा कि शहरीकरण एक चुनौती नहीं है।

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के निदेशक (अमृत) गुरजीत सिंह ढिल्लों ने अमृत मिशन के परिवर्तनकारी लक्ष्यों पर चर्चा की।

ढिल्लों ने कहा, "अमृत मिशन की प्राथमिकता हमेशा से शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर में परिवर्तनकारी बदलाव लाना रही है, जो सस्टेनेबिलिटी, समावेशिता और लॉन्ग-टर्म सर्विस डिलिवरी पर आधारित हो।"

उन्होंने आगे कहा, "हम केवल इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण नहीं कर रहे हैं; हम शहरों को आर्थिक विकास और सामाजिक समानता का इंजन बनने में सक्षम बना रहे हैं। जल आपूर्ति, स्वच्छता, हरित स्थानों और गतिशीलता में रणनीतिक हस्तक्षेप के माध्यम से, इस मिशन का उद्देश्य सभी शहरी निवासियों, विशेष रूप से वंचितों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।

नीति आयोग की प्रमुख आर्थिक सलाहकार अन्ना रॉय ने कहा कि मजबूत डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को सक्षम करने से लेकर हरित बदलावों और शहरी इनोवेशन को बढ़ावा देने तक, हमारा लक्ष्य समग्र आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करना है।

रॉय ने कहा, "ट्रांजिट-ऑरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी), नगरपालिका वित्त सुधार और जमीनी स्तर पर क्षमता निर्माण जैसी पहल सस्टेनेबल, रहने योग्य शहरी इकोसिस्टम बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।"

भारत का रियल एस्टेट सेक्टर भविष्य में औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों में लाखों लोगों को रोजगार देगा।

एसोचैम की राष्ट्रीय रियल एस्टेट, आवास एवं शहरी विकास परिषद के अध्यक्ष प्रदीप कुमार अग्रवाल ने कहा, "इस क्षेत्र ने शहरी परिवर्तन, इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और नए युग के जीवन में एक प्रमुख सहायक बन गया है।"

Point of View

मुझे यह कहना है कि शहरीकरण को एक अवसर के रूप में देखना चाहिए। यह न केवल आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करता है, बल्कि सामाजिक समानता और स्थिरता के लिए भी आवश्यक है। हमें सभी नागरिकों के लिए बेहतर जीवन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करने चाहिए।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत की शहरी आबादी कब तक 88 करोड़ तक पहुँचने का अनुमान है?
2047 तक भारत की शहरी आबादी लगभग 88 करोड़ तक पहुँचने का अनुमान है।
शहरीकरण को चुनौती क्यों नहीं माना जाना चाहिए?
शहरीकरण को चुनौती नहीं, बल्कि विकास का एक अवसर माना जाना चाहिए।
अमृत मिशन क्या है?
अमृत मिशन शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर में परिवर्तनकारी सुधार लाने के लिए कार्यरत है।
रियल एस्टेट का भारत की अर्थव्यवस्था में क्या योगदान है?
रियल एस्टेट वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था में लगभग 13 प्रतिशत का योगदान करता है।
भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र का भविष्य क्या है?
भारत का रियल एस्टेट सेक्टर औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों में लाखों लोगों को रोजगार देगा।