क्या भारत को हाई-टेक प्रोडक्ट की आवश्यकता है और ऑस्ट्रिया को बाजार की तलाश है?

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क्या भारत को हाई-टेक प्रोडक्ट की आवश्यकता है और ऑस्ट्रिया को बाजार की तलाश है?

सारांश

कैथरीना वीजर, ऑस्ट्रिया की राजदूत, ने बताया कि भारत में ऑस्ट्रियाई कंपनियों ने प्रोडक्शन साइट्स स्थापित करना शुरू कर दिया है। यह सहयोग दोनों देशों के लिए लाभकारी साबित होगा। भारत को उच्च तकनीकी उत्पादों की आवश्यकता है जबकि ऑस्ट्रिया को बाजार की तलाश है।

Key Takeaways

  • भारत को उच्च तकनीकी उत्पादों की आवश्यकता है।
  • ऑस्ट्रिया के लिए भारत एक बड़ा बाजार है।
  • दोनों देशों के बीच सहयोग से आर्थिक विकास होगा।
  • प्रधानमंत्री मोदी की ऑस्ट्रिया यात्रा ने संबंधों को मजबूत किया।
  • ऑस्ट्रियाई कंपनियाँ भारत में कार्यरत हैं।

नई दिल्ली, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑस्ट्रिया की राजदूत कैथरीना वीजर ने शुक्रवार को बताया कि कई कंपनियों ने भारत में अपनी प्रोडक्शन लाइनें और प्रोडक्शन साइट्स स्थापित करना शुरू कर दिया है, जिसमें ऑस्ट्रियाई कंपनियां भी शामिल हैं।

उन्होंने न्यूज एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "इससे दोनों ही देशों को सहायता मिलेगी क्योंकि यदि भारत में काम कर रही ऑस्ट्रियाई कंपनियां भारतीय कंपनियों और श्रमिकों के सहयोग से भारत में अच्छा कारोबार करेंगी तो इससे ऑस्ट्रियाई मूल कंपनी को भी लाभ होगा।"

जब वीजर से पूछा गया कि मेक इन इंडिया ऑस्ट्रिया के व्यापारिक माहौल में कैसे मदद करेगा, तो उन्होंने बताया, "हमारा वर्तमान बिजनेस इकोसिस्टम और हमारी अर्थव्यवस्थाओं की स्थिति ऐसी है कि सहयोग करने से दोनों देशों को लाभ होगा। भारत को उच्च-तकनीकी गुणवत्ता, उच्च-तकनीकी उत्पादों और तकनीक की आवश्यकता है और ऑस्ट्रिया को मजदूरों और मार्केट की तलाश है। इन्हें एक साथ लाने से हम सभी को लाभ होगा। इसका अर्थ यह भी है कि हम न केवल भारत में कुछ उत्पादों का आयात करेंगे, बल्कि भारत में उनका निर्माण भी करेंगे।"

ऑस्ट्रिया और भारत के बीच द्विपक्षीय संभावनाओं के बारे में वीजर ने कहा, "पिछले कुछ वर्षों में ऑस्ट्रिया और भारत के बीच जुड़ाव वास्तव में बढ़ा है और सभी क्षेत्रों में बहुत ही गतिशील तरीके से तेजी से बढ़ा है। उच्चतम स्तर पर राजनीतिक जुड़ाव भी काफी बढ़ा है, जैसे कि प्रधानमंत्री मोदी की ऑस्ट्रिया की हालिया यात्रा इसका उदाहरण है।"

पीएम मोदी ने पिछले वर्ष जुलाई में ऑस्ट्रिया की ऐतिहासिक यात्रा की थी। यह यात्रा बेहद खास थी, क्योंकि 41 वर्ष बाद कोई भारतीय पीएम ऑस्ट्रिया के दौरे पर पहुंचे थे। प्रधानमंत्री मोदी की वियना यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए कई समझौते किए गए।

पीएम मोदी को लेकर कैथरीना वीजर ने कहा कि उनका नेतृत्व निश्चित रूप से प्रभावशाली है। भारत जितने बड़े देश का कोई भी लीडर एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली व्यक्ति ही होगा।

वीजर ने कहा, "मैं कहूंगी कि उनकी वैश्विक पहुंच और दुनिया के दूसरे देशों के साथ उनका जुड़ाव प्रभावशाली है, जिसमें ऑस्ट्रिया भी शामिल है। उनके इस जुड़ाव के लिए हम बहुत आभारी हैं और बहुत खुश हैं।"

Point of View

मैं यह मानता हूँ कि भारत और ऑस्ट्रिया के बीच बढ़ते व्यापारिक संबंध न केवल आर्थिक विकास में मदद करेंगे, बल्कि यह दोनों देशों के लिए तकनीकी उन्नति का भी मार्ग प्रशस्त करेंगे। इस सहयोग से न केवल भारत का औद्योगिक क्षेत्र मजबूत होगा, बल्कि ऑस्ट्रिया की कंपनियों को भी एक नए बाजार में प्रवेश का अवसर मिलेगा।
NationPress
19/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत में ऑस्ट्रियाई कंपनियों की क्या भूमिका है?
ऑस्ट्रियाई कंपनियाँ भारत में प्रोडक्शन लाइनें स्थापित कर रही हैं, जो स्थानीय रोजगार और तकनीकी विकास को बढ़ावा देगी।
मेक इन इंडिया का ऑस्ट्रिया के व्यापार पर क्या प्रभाव होगा?
मेक इन इंडिया से ऑस्ट्रियाई कंपनियों को भारत में अपने उत्पादों का निर्माण करने का अवसर मिलेगा, जिससे दोनों देशों को लाभ होगा।