क्या भारत में औसत हेडलाइन महंगाई दर चालू वित्त वर्ष में 3.5 प्रतिशत रहेगी? : क्रिसिल

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क्या भारत में औसत हेडलाइन महंगाई दर चालू वित्त वर्ष में 3.5 प्रतिशत रहेगी? : क्रिसिल

सारांश

क्या भारत में औसत हेडलाइन महंगाई दर 3.5 प्रतिशत रहेगी? जानिए क्रिसिल की रिपोर्ट में इस उल्लेखनीय जानकारी को। खाद्य कीमतों में कमी और अन्य आर्थिक संकेतक इस विषय को और रोचक बनाते हैं।

Key Takeaways

  • औसत हेडलाइन महंगाई दर: 3.5 प्रतिशत
  • पिछले वित्त वर्ष: 4.6 प्रतिशत
  • खुदरा महंगाई: 1.55 प्रतिशत
  • खाद्य महंगाई में कमी: -1.8 प्रतिशत
  • भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं: नियंत्रण में

नई दिल्ली, 13 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत में औसत हेडलाइन महंगाई दर वित्त वर्ष 26 (चालू वित्त वर्ष) में 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो कि पिछले वित्त वर्ष में 4.6 प्रतिशत थी। इसकी मुख्य वजह खाद्य उत्पादों में महंगाई का नियंत्रण में रहना है। यह जानकारी बुधवार को क्रिसिल की रिपोर्ट में दी गई।

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि खरीफ की बुआई 8 अगस्त तक सालाना आधार पर 4 प्रतिशत अधिक रही है और रबी की फसल के लिए भी नमी पर्याप्त बनी हुई है।

रिपोर्ट में यह भी अनुमान लगाया गया है कि भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं नियंत्रण में रहेंगी, और ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें चालू वित्त वर्ष में 60-65 डॉलर प्रति बैरल पर स्थिर रहने की संभावना है, जिससे गैर-खाद्य महंगाई को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।

भारत में खुदरा महंगाई दर पिछले एक साल में घटकर आधी से भी कम रह गई है। जुलाई में महंगाई दर 1.55 प्रतिशत हो गई है, जो जून में 2.1 प्रतिशत और पिछले साल जुलाई में 3.6 प्रतिशत थी।

खुदरा महंगाई में कमी की वजह खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी आना है। खाद्य महंगाई दर जुलाई में -1.8 प्रतिशत रही है, जो कि जनवरी 2019 के बाद खाद्य महंगाई का सबसे निचला स्तर है।

अच्छा खाद्य उत्पादन और पर्याप्त खाद्य भंडार नरम खाद्य कीमतों में सहायक रहे हैं। परिवहन और संcommunication की महंगाई दर में अच्छी कमी के कारण मुख्य महंगाई भी 4.4 प्रतिशत से घटकर 3.9 प्रतिशत पर आ गई।

रिपोर्ट में कहा गया है, "सब्जियों और दालों में भारी गिरावट और अनाज की महंगाई में कमी ने गिरावट को महत्वपूर्ण समर्थन प्रदान किया। क्रिसिल इंटेलिजेंस के थाली सूचकांक के अनुसार, सब्जियों और ब्रॉयलर की कम कीमतों के कारण, शाकाहारी और मांसाहारी थालियों की कीमतों में क्रमशः 14 प्रतिशत और 13 प्रतिशत की गिरावट आई।"

रिपोर्ट में कहा गया, "हमें इस वित्त वर्ष में रेपो दर में एक और कटौती की उम्मीद है। अब तक कुल 100 आधार अंकों की कटौती और पर्याप्त तरलता ने इसका त्वरित लाभ नीचे के क्रम में सुनिश्चित किया है। खुदरा महंगाई में तीव्र गिरावट से खासकर निम्न आय वर्ग में घरेलू क्रय शक्ति में वृद्धि होनी चाहिए। यह रुझान मौद्रिक नीति में और ढील की गुंजाइश भी बनाता है, जिससे ब्याज के प्रति संवेदनशील उपभोग वर्ग को लाभ होगा।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत की मौद्रिक नीति में सुधार और खाद्य महंगाई में कमी ने आम जनता की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह रुझान आने वाले समय में और भी सकारात्मक परिणाम ला सकता है, जिससे सभी वर्गों को लाभ होगा।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत में औसत हेडलाइन महंगाई दर क्या है?
चालू वित्त वर्ष में यह 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
खुदरा महंगाई दर में कमी का क्या कारण है?
खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी और अन्य आर्थिक संकेतक इसके मुख्य कारण हैं।