क्या आज के युग में युद्ध केवल बंदूकों और गोलियों से नहीं जीते जाते? : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

Click to start listening
क्या आज के युग में युद्ध केवल बंदूकों और गोलियों से नहीं जीते जाते? : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

सारांश

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वडोदरा के गति शक्ति विश्वविद्यालय में कहा कि युद्ध की सफलता केवल हथियारों पर निर्भर नहीं करती, बल्कि लॉजिस्टिक्स प्रबंधन पर भी निर्भर करती है। 'ऑपरेशन सिंदूर' इसका एक बेहतरीन उदाहरण है। जानिए उन्होंने क्या कहा और लॉजिस्टिक्स की भूमिका पर उनके विचार।

Key Takeaways

  • लॉजिस्टिक्स का सामरिक महत्व
  • ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण
  • जीएसवी की भूमिका
  • आर्थिक प्रगति में योगदान
  • राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति

नई दिल्ली, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को वडोदरा स्थित गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सशस्त्र बलों की तैनाती से लेकर सही समय और स्थान पर उपकरणों की आपूर्ति तक हमारी एजेंसियों द्वारा निर्बाध लॉजिस्टिक्स प्रबंधन का 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता में एक महत्वपूर्ण योगदान था। वर्तमान युग में युद्ध केवल बंदूकों और गोलियों से नहीं जीते जाते, बल्कि उन्हें समय पर पहुँचाने के कौशल से जीते जाते हैं और 'ऑपरेशन सिंदूर' इस उत्कृष्ट लॉजिस्टिक्स प्रबंधन का एक जीवंत उदाहरण है।

उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक्स को सामरिक महत्व के साथ देखना चाहिए, न कि केवल सामान पहुँचाने की प्रक्रिया के रूप में। चाहे सीमा पर लड़ रहे सैनिक हों या आपदा प्रबंधन में लगे कर्मचारी, समन्वय या संसाधनों के उचित प्रबंधन के बिना, सबसे मजबूत इरादे भी कमजोर पड़ जाते हैं। लॉजिस्टिक्स एक ऐसी शक्ति है, जो अराजकता को नियंत्रण में बदल देती है। शक्ति का मापदंड केवल हथियारों से नहीं, बल्कि समय पर संसाधन प्रबंधन से भी होता है। चाहे युद्ध हो, आपदा हो या वैश्विक महामारी, जो राष्ट्र अपनी लॉजिस्टिक्स श्रृंखला को मजबूत बनाए रखता है, वही सबसे स्थिर, सुरक्षित और सक्षम होता है।

उन्होंने 21वीं सदी में भारत की आकांक्षाओं को गति प्रदान करने में जीएसवी जैसी संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया। राजनाथ सिंह ने देश की आर्थिक प्रगति में लॉजिस्टिक्स के महत्व को उजागर किया और इसे उत्पादन-पूर्व से लेकर उपभोग तक, हर चरण को जोड़ने वाले प्रमुख स्तंभों में से एक बताया।

उन्होंने भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लॉजिस्टिक्स के योगदान को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से महत्वपूर्ण बताया, साथ ही कोविड के दौरान इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया, जब जरूरत के समय लाखों टीके, ऑक्सीजन सिलेंडर और चिकित्सा दल एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचे।

रक्षा मंत्री ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में भारत के बुनियादी ढांचे में अभूतपूर्व विकास हुआ है और समग्र और एकीकृत दृष्टिकोण के साथ इस परिवर्तन की नींव नीतिगत सुधारों और मिशन मोड परियोजनाओं के माध्यम से रखी गई है। इसका प्रभाव केवल भौतिक संपर्क तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इससे आर्थिक उत्पादकता में भी वृद्धि हुई है, लॉजिस्टिक्स की लागत में कमी आई है और सेवा वितरण में सुधार हुआ है।

उन्होंने कहा, "पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत, रेलवे, सड़क, बंदरगाह, जलमार्ग, हवाई अड्डे, जन परिवहन और लॉजिस्टिक्स आधारभूत ढांचे जैसे विकास के सात शक्तिशाली स्तंभ मिलकर भारत की अर्थव्यवस्था को एक मजबूत आधार प्रदान कर रहे हैं। पीएम गतिशक्ति केवल एक योजना नहीं, बल्कि एक विजन है, जो अत्याधुनिक तकनीक और डेटा-आधारित योजना के माध्यम से बुनियादी ढांचे को भविष्योन्मुखी बना रहा है।"

राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति पर, रक्षा मंत्री ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य एक एकीकृत, कुशल और लागत-प्रभावी लॉजिस्टिक्स नेटवर्क बनाना है, जो न केवल लॉजिस्टिक्स लागत को कम करेगा बल्कि डेटा-आधारित निर्णय लेने को भी प्रोत्साहित करेगा।

उन्होंने आगे कहा, "इस नीति का उद्देश्य मौजूदा 13-14 प्रतिशत लॉजिस्टिक्स लागत को विकसित देशों के स्तर पर लाना है। इससे घरेलू और वैश्विक बाजारों में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। लॉजिस्टिक्स लागत में कमी से सभी क्षेत्रों में दक्षता बढ़ेगी और मूल्यवर्धन तथा उद्यम विकास को बढ़ावा मिलेगा।"

जीएसवी की महत्वपूर्ण भूमिका पर राजनाथ सिंह ने कहा कि जिस गति से युवा देश को शक्ति प्रदान कर रहे हैं, वह सराहनीय है। उन्होंने कहा, "लॉजिस्टिक्स की दृष्टि से देश के सबसे प्रतिष्ठित अध्ययन केंद्रों में से एक जीएसवी केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं है, बल्कि एक विचार है, एक मिशन है। यह भारत को तीव्र, संगठित और समन्वित तरीके से आगे बढ़ाने की राष्ट्रीय आकांक्षा को मूर्त रूप दे रहा है।"

रक्षा मंत्री ने डिजिटलीकरण, स्वचालन, रीयल-टाइम ट्रैकिंग, एआई-सक्षम लॉजिस्टिक्स पूर्वानुमान और टिकाऊ माल ढुलाई प्रणालियों को आज के समय में भारत की राष्ट्रीय आवश्यकताएं बताया। उन्होंने इन विषयों में प्रगति के लिए जीएसवी और छात्रों के प्रयासों की सराहना की।

Point of View

यह स्पष्ट है कि लॉजिस्टिक्स का महत्व केवल युद्ध तक सीमित नहीं है। यह आर्थिक प्रगति, आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य संकटों में भी अत्यंत आवश्यक है। भारत को अपनी लॉजिस्टिक्स श्रृंखला को मजबूत करने की आवश्यकता है, ताकि हम वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
ऑपरेशन सिंदूर एक लॉजिस्टिक्स प्रबंधन कार्यक्रम है, जो सशस्त्र बलों को समय पर आवश्यक सामग्री पहुँचाने में मदद करता है।
लॉजिस्टिक्स का युद्ध में क्या महत्व है?
युद्ध में लॉजिस्टिक्स का महत्व इस बात पर निर्भर करता है कि संसाधनों की सही समय पर आपूर्ति कैसे की जाती है।
भारत की आर्थिक प्रगति में लॉजिस्टिक्स की भूमिका क्या है?
लॉजिस्टिक्स आर्थिक प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो उत्पादन से उपभोग तक हर चरण को जोड़ता है।
जीएसवी की भूमिका क्या है?
जीएसवी युवाओं को लॉजिस्टिक्स प्रबंधन में प्रशिक्षित कर रहा है, जो देश को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति का उद्देश्य क्या है?
इस नीति का उद्देश्य एक कुशल और लागत-प्रभावी लॉजिस्टिक्स नेटवर्क बनाना है।