क्या भारत ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी 2026 रैंकिंग में खास मुकाम हासिल किया?

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क्या भारत ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी 2026 रैंकिंग में खास मुकाम हासिल किया?

सारांश

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में भारत की सफलता को गर्व का क्षण बताया है। जानिए किस तरह भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों ने वैश्विक स्तर पर नई ऊँचाइयाँ हासिल की हैं।

Key Takeaways

  • 54 भारतीय संस्थान ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में स्थान प्राप्त किया है।
  • आईआईटी दिल्ली ने 123वें स्थान पर पहुँचकर नया रिकॉर्ड बनाया है।
  • एनईपी 2020 का कार्यान्वयन भारतीय शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है।
  • भारत जी-20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली शिक्षा प्रणाली है।
  • पिछले दशक में क्यूएस रैंकिंग में 390 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

नई दिल्ली, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 की सराहना करते हुए इसे भारत के लिए "अत्यंत गर्व" का क्षण बताया है।

प्रधान ने गुरुवार को एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ 54 उच्च शिक्षा संस्थानों में शामिल होने के साथ भारत ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी 2026 रैंकिंग में एक नया मुकाम हासिल किया है। 2014 में केवल 11 संस्थानों से अब 54 तक, यह पांच गुना वृद्धि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में शुरू किए गए परिवर्तनकारी शैक्षिक सुधारों का प्रमाण है।"

उन्होंने देश की शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को श्रेय दिया।

प्रधान ने कहा, "एनईपी न केवल हमारे शिक्षा परिदृश्य को बदल रही है, बल्कि क्रांतिकारी बदलाव ला रही है। यह गर्व की बात है कि भारत जी-20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली शिक्षा प्रणाली है और अमेरिका, ब्रिटेन और चीन के बाद चौथे स्थान पर है। मुझे विश्वास है कि अनुसंधान, नवाचार और अंतर्राष्ट्रीयकरण पर एनईपी के जोर के साथ आने वाले समय में और अधिक भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान वैश्विक उत्कृष्टता प्राप्त करेंगे।"

गुरुवार को जारी क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में कुल 54 भारतीय संस्थानों को स्थान दिया गया है, जो भारत के लिए अब तक का सर्वोच्च स्थान है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली शीर्ष रैंक वाला भारतीय संस्थान बनकर उभरा है, जो वैश्विक स्तर पर 150वें से 123वें स्थान पर पहुँच गया है, जो अब तक का उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

शिक्षा मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट किया, "आईआईटी दिल्ली भारत के शीर्ष रैंक वाले संस्थान के रूप में अग्रणी है। यह क्यूएस रैंकिंग में संस्थान के लिए एक ऐतिहासिक ऊंचाई है।"

मंत्रालय ने यह भी बताया कि पिछले एक दशक में भारत ने क्यूएस रैंकिंग में प्रतिनिधित्व में 390 प्रतिशत की आश्चर्यजनक वृद्धि दर्ज की है, जो जी-20 देशों में सबसे तेज है।

पिछले साल की रैंकिंग में भारत का शीर्ष संस्थान आईआईटी बॉम्बे इस साल 118वें स्थान से फिसलकर 129वें स्थान पर आ गया है। आईआईटी मद्रास ने उल्लेखनीय सुधार करते हुए 47 पायदान की छलांग लगाई है और 180वें स्थान पर पहुँच गया है, जबकि पिछले साल यह 227वें स्थान पर था।

इस वर्ष भारत के लगभग 48 प्रतिशत विश्वविद्यालयों ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है। वैश्विक शीर्ष 100 में पांच भारतीय संस्थानों ने भी स्थान प्राप्त किया है।

सूची में अन्य भारतीय संस्थानों में आईआईटी खड़गपुर (215), आईआईएससी बैंगलोर (219) और दिल्ली विश्वविद्यालय (328) शामिल हैं। निजी विश्वविद्यालय जैसे बिट्स पिलानी (668) और ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (851-900) भी सूची में हैं।

वैश्विक स्तर पर, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) ने लगातार 14 वें वर्ष शीर्ष स्थान बरकरार रखा है।

Point of View

जो कि देश के विकास और नवाचार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग क्या है?
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग एक प्रतिष्ठित वैश्विक रैंकिंग है, जो विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता और प्रदर्शन का मूल्यांकन करती है।
भारत में कितने विश्वविद्यालयों ने क्यूएस रैंकिंग में स्थान पाया?
इस वर्ष कुल 54 भारतीय विश्वविद्यालयों ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में स्थान पाया है।
आईआईटी दिल्ली की रैंकिंग क्या है?
आईआईटी दिल्ली ने वैश्विक स्तर पर 123वें स्थान पर पहुंचकर भारत के शीर्ष रैंक वाले संस्थान का दर्जा प्राप्त किया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) का क्या महत्व है?
एनईपी 2020 भारत की शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने और उसे विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।
क्यूएस रैंकिंग में वृद्धि का क्या कारण है?
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में किए गए शैक्षिक सुधारों और एनईपी के कार्यान्वयन के कारण क्यूएस रैंकिंग में भारत का प्रतिनिधित्व बढ़ा है।