क्या भारत अंतरिक्ष में एक नया इतिहास रचेगा? शुभांशु शुक्ला की उड़ान का समय आ गया!

सारांश
Key Takeaways
- शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय हैं।
- यह एक्सिओम-4 मिशन अंतरिक्ष में भारत का नया कदम है।
- मिशन में अंतरिक्ष विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रयोग होंगे।
- फ्लोरिडा से लॉन्चिंग के लिए सभी तैयारियां पूरी हैं।
- भारत के लिए गर्व का क्षण!
नई दिल्ली, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। भारत अपनी अंतरिक्ष यात्रा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि के करीब पहुँच चुका है। पहली बार एक भारतीय इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर कदम रखेगा। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला चार दशकों में अंतरिक्ष यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री होंगे। एक्सिओम-४ मिशन के तहत शुभांशु शुक्ला को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भेजा जाएगा, जिसकी लॉन्चिंग बुधवार को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से होने जा रही है।
स्पेसएक्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर जानकारी साझा की, "एक्सिओम स्पेस का एक्सिओम-४ मिशन बुधवार को स्पेस स्टेशन के लिए लॉन्च होने जा रहा है। सभी सिस्टम ठीक हैं और मौसम की अनुकूलता 90 प्रतिशत है।"
यह मिशन फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से उड़ान भरेगा। एक्सिओम-4 के लिए बुधवार सुबह २:३१ बजे ईडीटी (भारतीय समयानुसार दोपहर १२:०१ बजे) का लक्ष्य रखा गया है। फाल्कन 9 रॉकेट पर लॉन्च होने के बाद चालक दल एक नए स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर परिक्रमा प्रयोगशाला की यात्रा करेगा। आईएसएस से लक्षित डॉकिंग समय गुरुवार, २६ जून को सुबह लगभग ७ बजे (भारतीय समयानुसार, शाम करीब ४:३० बजे) है।
यह एक्सिओम स्पेस के विस्तारित कार्यक्रम के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए चौथा निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है। पिछले कुछ हफ्तों में एक्सिओम-4 मिशन को कई बार टाला गया था। पहले मौसम की खराबी के कारण देरी हुई और फिर फाल्कन 9 रॉकेट में लीक जैसी तकनीकी समस्याएं सामने आईं। इन समस्याओं की पूरी समीक्षा और समाधान के बाद मिशन को हरी झंडी मिली।
चालक दल में इसरो का प्रतिनिधित्व करने वाले शुभांशु शुक्ला भी शामिल हैं, जो मिशन के पायलट के रूप में कार्य करेंगे। उनके साथ नासा की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन, पोलैंड से ईएसए अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी से टिबोर कापू भी शामिल हैं। भारत, हंगरी और पोलैंड के लिए यह मिशन मानव अंतरिक्ष यान की वापसी का प्रतीक है।
ये अंतरिक्ष यात्री स्पेस स्टेशन पर करीब १४ दिन गुजारेंगे। इस दौरान कई महत्वपूर्ण प्रयोग किए जाएंगे। शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और नासा के संयुक्त सहयोग से विकसित उन्नत खाद्य और पोषण संबंधी प्रयोगों का संचालन करेंगे।