क्या भाजपा द्वारा ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाने पर कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया?

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क्या भाजपा द्वारा ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाने पर कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया?

सारांश

चंडीगढ़ में कांग्रेस ने भाजपा के ‘संविधान हत्या दिवस’ के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। जानें इस मुद्दे पर कांग्रेस के नेता क्या कह रहे हैं और पुलिस की भूमिका क्या रही है।

Key Takeaways

  • कांग्रेस कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन भाजपा के ‘संविधान हत्या दिवस’ के खिलाफ था।
  • पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया।
  • कांग्रेस नेताओं ने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर गंभीर सवाल उठाए।

चंडीगढ़, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। इमरजेंसी के ५० साल पूरे होने पर भाजपा द्वारा ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाया जा रहा है। इसके खिलाफ चंडीगढ़ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया। हालांकि, बाद में चंडीगढ़ पुलिस ने कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा के ‘संविधान हत्या दिवस’ के खिलाफ चंडीगढ़ के सेक्टर-१८ में प्रदर्शन किया और पंजाब के राज्यपाल तथा चंडीगढ़ के प्रशासक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच कुछ नोकझोंक भी हुई।

कांग्रेस नेता हरमेल केसरी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "भाजपा के इशारे पर पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक आपातकाल की ५०वीं वर्षगांठ मना रहे हैं और कांग्रेस इसका विरोध कर रही है। मैं यह कहना चाहूंगा कि राज्यपाल को चंडीगढ़ के लोगों के लिए काम करना चाहिए, लेकिन वे भाजपा के कार्यक्रमों के उद्घाटन में शामिल हो रहे हैं। मैं यह भी कहूंगा कि यह कोई ‘संविधान हत्या दिवस’ नहीं है, बल्कि संविधान की हत्या उस दिन हुई थी, जब अनिल मसीह ने चंडीगढ़ में वोटों की गड़बड़ी की थी। यह पहली बार है जब प्रशासन चंडीगढ़ के अंदर ‘संविधान हत्या दिवस’ के कार्ड बांट रहा है।"

कांग्रेस पार्षद सचिन गलाव ने कहा, "मैं पूछना चाहता हूं कि वे किसके पैसे से ‘संविधान हत्या दिवस’ मना रहे हैं। यह बहुत शर्मनाक है, और भाजपा ने संविधान की हत्या साल भर की है। आज हमारे ऊपर लाठियां चलाई गईं और हमारे कई साथी डिटेन किए गए हैं।"

ज्ञातव्य है कि देश में इमरजेंसी के ५० साल पूरे हो चुके हैं और भाजपा इसे ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मना रही है। इमरजेंसी की ५०वीं वर्षगांठ पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे कई नेताओं ने बयान दिए, जिसमें उन्होंने इमरजेंसी को भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला अध्याय बताया।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीतिक दलों के बीच संघर्ष लोकतंत्र का एक हिस्सा है। लेकिन, जब संविधान का उल्लंघन होता है, तो यह सभी के लिए चिंता का विषय होना चाहिए। यह आवश्यक है कि सभी दल मिलकर संविधान की रक्षा करें और इसके प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझें।
NationPress
25/06/2025

Frequently Asked Questions

भाजपा का ‘संविधान हत्या दिवस’ क्या है?
भाजपा द्वारा मनाया जाने वाला ‘संविधान हत्या दिवस’ इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर आयोजित किया गया है।
कांग्रेस ने इस दिन के विरोध में क्या किया?
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चंडीगढ़ में विरोध-प्रदर्शन किया और कई को हिरासत में लिया गया।