क्या भू-राजनीतिक तनाव कम होने से भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में खुला?

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क्या भू-राजनीतिक तनाव कम होने से भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में खुला?

सारांश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा युद्ध विराम की घोषणा ने भारतीय शेयर बाजार को हरे निशान में खोल दिया। जानें इस सकारात्मक बदलाव के पीछे के कारण और बाजार के ताजा रुख के बारे में।

Key Takeaways

  • भारतीय शेयर बाजार में सकारात्मक संकेत देखने को मिले हैं।
  • ट्रंप की युद्ध विराम की घोषणा ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है।
  • विभिन्न क्षेत्रों में खरीदारी का रुख मजबूत हुआ है।
  • निवेशकों को सतर्कता बरकरार रखनी चाहिए।

मुंबई, २४ जून (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान-इजराइल युद्ध विराम की घोषणा के बाद भू-राजनीतिक तनाव में कमी आई है, जिससे सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार मंगलवार को हरे निशान में खुला।

आरंभिक कारोबार में ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक और फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में खरीदारी का रुख देखने को मिला।

सुबह लगभग ९:३१ बजे, सेंसेक्स ७५६.५ अंक या ०.९२ प्रतिशत बढ़कर ८२,६५३.३३ पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी २२९ अंक या ०.९२ प्रतिशत की वृद्धि के साथ २५,२००.९० पर था।

विश्लेषकों का कहना है कि ट्रंप की युद्ध विराम की घोषणा और पश्चिम एशिया में घटित घटनाओं ने यह संकेत दिया है कि संघर्ष का सबसे कठिन दौर समाप्त हो गया है।

जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वी.के. विजयकुमार ने कहा, "कच्चे तेल और शेयर बाजारों में तीव्र प्रतिक्रियाएं भू-राजनीतिक स्थिति को सामान्य करने का संकेत देती हैं।"

निफ्टी बैंक ५५७.२५ अंक या ०.९९ प्रतिशत बढ़कर ५६,६१६.६० पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स ४११ अंक या ०.७१ प्रतिशत की बढ़त के साथ ५८,६१७.८० पर था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स १२३.०५ अंक या ०.६७ प्रतिशत की वृद्धि के साथ १८,४४३.९५ पर था।

चॉइस ब्रोकिंग के तकनीकी शोध विश्लेषक आकाश शाह ने कहा, "निफ्टी और बैंक निफ्टी दोनों के हालिया सुधार ने निचले स्तरों पर मजबूत खरीदारी की रुचि को दर्शाया है, लेकिन प्रमुख प्रतिरोध क्षेत्रों-निफ्टी के लिए २५,२०० और बैंक निफ्टी के लिए ५६,३००- से ऊपर एक निर्णायक ब्रेकआउट अभी भी निरंतर उछाल के लिए आवश्यक है।"

उन्होंने कहा कि बढ़ती अस्थिरता और अनिश्चितता के मौजूदा माहौल में निवेशकों को सतर्क रूप से आशावादी रहना चाहिए।

इस बीच, सेंसेक्स पैक में अदाणी पोर्ट्स, एमएंडएम, अल्ट्राटेक सीमेंट, एलएंडटी, टाइटन, एसबीआई, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व शीर्ष लाभार्थी रहे। वहीं, एनटीपीसी, बीईएल और ट्रेंट शीर्ष हानि उठाने वाले रहे।

संस्थानिक दृष्टिकोण से, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) २३ जून को शुद्ध विक्रेता रहे, जिन्होंने १,८७४.३८ करोड़ रुपए के शेयर बेचे। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) खरीदार बने रहे, जिन्होंने ५,५९१.७७ करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।

एशियाई बाजारों में बैंकॉक, जापान, चीन, सोल, हांगकांग और जकार्ता हरे निशान में कारोबार कर रहे थे।

अमेरिकी बाजारों में पिछले कारोबारी सत्र में डाउ जोंस ३७४.९६ अंक यानी ०.८९ प्रतिशत की बढ़त के साथ ४२,५८१.७८ पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स ५७.३३ अंक यानी ०.९६ प्रतिशत की वृद्धि के साथ ६,०२५.१७ पर और नैस्डैक १८३.५६ अंक यानी ०.९४ प्रतिशत की बढ़त के साथ १९,६३०.९७ पर बंद हुआ।

Point of View

भारतीय शेयर बाजार ने वैश्विक संकेतों के साथ सकारात्मक रुख अपनाया है। यह दर्शाता है कि निवेशकों का विश्वास लौट रहा है। हालांकि, बाजार में अस्थिरता बनी हुई है, इसलिए सतर्कता आवश्यक है।
NationPress
24/06/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय शेयर बाजार में हरे निशान का क्या मतलब है?
हरे निशान का मतलब है कि बाजार में तेजी आई है, और शेयरों की कीमतें बढ़ रही हैं।
क्या भू-राजनीतिक तनाव का शेयर बाजार पर असर पड़ता है?
जी हां, भू-राजनीतिक तनाव का असर बाजार पर पड़ता है, क्योंकि इससे निवेशकों का विश्वास प्रभावित होता है।