क्या भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण में तेजी आएगी और ‘बिहारी राजस्व योद्धा’ को सम्मान मिलेगा?
सारांश
Key Takeaways
- 28 करोड़ पन्नों का डिजिटल रिकॉर्ड अपलोड किया गया है।
- आम जनता को जल्द ही डिजिटल सर्टिफाइड कॉपी मिलेगी।
- ‘बिहारी राजस्व योद्धा’ सम्मान की घोषणा।
- भू अभिलेखों की पुनर्प्राप्ति के लिए सहयोग की आवश्यकता।
- राजस्व न्यायालयों में ऑनलाइन मामलों का पंजीकरण।
पटना, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को लगातार चौथे दिन अपने कार्यालय में विभागीय कार्यों की समीक्षा की। इस बैठक में प्रधान सचिव सीके अनिल सहित सभी वरीय अधिकारी मौजूद थे। उपमुख्यमंत्री ने एक वीडियो जारी कर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।
बैठक के दौरान सिन्हा ने भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण की प्रगति पर संतोष प्रकट करते हुए बताया कि विभागीय पोर्टल पर अब तक 28 करोड़ पन्नों का डिजिटल रिकॉर्ड अपलोड किया जा चुका है, जिसमें 28 प्रकार के विभिन्न अभिलेख शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही आम जनता को डिजिटल सर्टिफाइड कॉपी उपलब्ध कराने की व्यवस्था लागू की जाएगी, जिससे लोगों को सर्टिफाइड कॉपी निकालने के झंझट से मुक्ति मिलेगी।
सिन्हा ने बताया कि अतीत में जिला अभिलेखागार और अंचल स्तर पर रखे गए भूमि अभिलेखों में से कुछ खतियानों के बीच के पन्ने गायब पाए गए हैं, जिसके कारण वे डिजिटलीकरण से वंचित रह गए। ऐसे दस्तावेज उपलब्ध कराने वाले नागरिकों को ‘बिहारी राजस्व योद्धा’ सम्मानित किया जाएगा। साथ ही, उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों की फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी से जांच कर उनकी सत्यता सुनिश्चित की जाएगी। कुछ राजस्व गांवों के अभिलेख भी अनुपलब्ध पाए गए हैं।
उपमुख्यमंत्री सिन्हा ने कहा कि ऐसे गांवों में पुराने जानकार लोगों की मदद से अभिलेखों की पुनर्प्राप्ति संभव है और सहयोग देने वाले व्यक्तियों को भी सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि इस प्रक्रिया में राजस्व कर्मचारियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए तथा उनके लिए प्रोत्साहन पुरस्कार तय किए जाएं।
रेवेन्यू कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम की समीक्षा में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अब सभी राजस्व न्यायालयों में ऑनलाइन मामलों का पंजीकरण हो रहा है, जिससे मॉनिटरिंग सरल हो गई है। उन्होंने मौजूदा स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि अंचलाधिकारी न्यायालय में 5388 मामलों में से 3705 का निष्पादन, डीसीएलआर न्यायालय में 3,43,588 में से 1,82,854 का निष्पादन, अपर समाहर्ता न्यायालय में 50,042 में से 19,755 का निष्पादन, समाहर्ता न्यायालय में 3901 में से 1628 का निष्पादन तथा आयुक्त न्यायालय में 3289 में से 1010 का निष्पादन हो चुका है।
डिप्टी सीएम ने पुराने लंबित मामलों के निपटारे के लिए अभियान चलाने और नए मामलों के समाधान के लिए निर्धारित समय-सीमा सुनिश्चित करने का सख्त निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि समय पर निष्पादन न करने वाले अधिकारियों से जवाब-तलब किया जाएगा।
समीक्षा बैठक में कॉल सेंटर और ऑनलाइन रेवेन्यू कंप्लेन मैनेजमेंट सिस्टम की कार्यप्रणाली पर भी विस्तार से चर्चा की गई और सेवा-प्रवाह को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए गए।
इस बैठक में विभाग के सचिव जय सिंह, सचिव गोपाल मीणा, विशेष सचिव अरुण कुमार सिंह, चकबंदी निदेशालय के निदेशक राकेश कुमार, भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय की निदेशक जे प्रियदर्शिनी, भू अर्जन निदेशालय के निदेशक कमलेश कुमार सिंह, उपनिदेशक मोना झा, ओएसडी मणिभूषण किशोर, ओएसडी सोनी कुमारी, ओएसडी नवाजिश अख्तर, आईटी मैनेजर आनंद शंकर, गजेटियर सेक्शन के संयुक्त राज्य संपादक नरेश कुमार समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।