क्या भूस्खलन के कारण बारामूला में खनन गतिविधियों पर रोक लगाई गई है?
सारांश
Key Takeaways
- खनन गतिविधियों पर रोक का आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 के तहत दिया गया है।
- भूस्खलन की घटनाएं स्थानीय समुदायों के लिए खतरा बन सकती हैं।
- आवश्यक कदम उठाकर प्रशासन ने जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है।
बारामूला, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बारामूला के जिलाधिकारी ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा 163 के अंतर्गत खानपोरा, बारामूला के खनन क्षेत्र में खनन गतिविधियों पर पूर्ण रूप से रोक लगाने का आदेश जारी किया है। यह रोक क्षेत्र में हुए बड़े भूस्खलन के कारण लगाई गई है।
जिलाधिकारी द्वारा जारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि जिला खनिज अधिकारी, बारामूला ने शनिवार को एक पत्र के माध्यम से जानकारी दी कि 19 और 20 दिसंबर के दौरान खानपोरा, बारामूला के खनन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि घटना के समय वहां कोई खनन कार्य या अन्य गतिविधियां नहीं चल रही थीं।
जिलाधिकारी के अनुसार, पत्र में यह भी उल्लेख है कि भूस्खलन का कारण पहले की खनन गतिविधियां हो सकती हैं, जिससे चट्टानों की ढलान कमजोर हो गई थी। खड़ी खदान की दीवारें, अत्यधिक ऊंची बेंचें, ऊपर की ढीली मिट्टी तथा चट्टानों में मौजूद प्राकृतिक कमजोरी भी इसके पीछे का कारण हो सकती हैं।
भूस्खलन की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रभावित खदान और उसके आसपास के क्षेत्रों में खनन पर पूर्ण रोक लगाने की सिफारिश की गई है। इन पत्थर की खदानों में अवैज्ञानिक तरीके से किया गया खनन आस-पास के लोगों के जीवन और संपत्ति के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। ऐसी घटनाओं को पुनः होने से रोकने और किसी भी नुकसान से बचने के लिए खानपोरा, बारामूला की खदानों में खनन पर तुरंत रोक लगाना आवश्यक है।
जिलाधिकारी मिंगा शेरपा ने अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए खानपोरा, बारामूला में प्रभावित खदान क्षेत्र और उसके आस-पास सभी खनन गतिविधियों पर अगले आदेश तक पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है।
इसके साथ ही जिलाधिकारी ने तहसीलदार बारामूला और जिला खनिज अधिकारी, बारामूला को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित खदान क्षेत्र और उसके आसपास सभी खनन गतिविधियां तुरंत बंद कराई जाएं। उन्होंने चेतावनी दी है कि आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता-2023 की धारा 223 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।