क्या बिहार के भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने प्रधानमंत्री की 'मन की बात' सुनी?

सारांश
Key Takeaways
- दिलीप जायसवाल ने 'मन की बात' को भारतीयों की आवाज बताया।
- प्रधानमंत्री ने वोकल फॉर लोकल पर जोर दिया।
- पर्यावरण संतुलन के लिए एक पेड़ मां के नाम लगाने का सुझाव दिया।
- भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों पर गर्व जताया।
- आपातकाल की भयावहता को याद किया।
पटना, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। बिहार भाजपा के प्रदेश कार्यालय में रविवार को प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल सहित कई नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रसिद्ध रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' को सुना।
इस कार्यक्रम के 123वें एपिसोड को सुनने वालों में भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र नाथ त्रिपाठी समेत प्रदेश के अन्य पदाधिकारी और सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल थे।
'मन की बात' सुनने के बाद भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि यह कार्यक्रम केवल एक संवाद नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों की धड़कन है, जो नए भारत की आकांक्षाओं और संकल्पों को व्यक्त करता है। उन्होंने कहा कि आज की 'मन की बात' सुनकर यह विश्वास और भी प्रबल हुआ कि हमारा देश प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री 'मन की बात' में देशवासियों से संवाद करते हैं। उन्होंने 'वोकल फॉर लोकल' की बात को दोहराते हुए कहा कि हमें अपने देश में निर्मित सामानों का ही उपयोग करना चाहिए, तभी देश आगे बढ़ेगा। इसके साथ ही उन्होंने पर्यावरण संतुलन की चर्चा करते हुए 'एक पेड़ मां के नाम' लगाने का भी सुझाव दिया।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश के विभिन्न राज्यों के उत्पादकों की भी चर्चा की। पीएम मोदी ने भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों पर गर्व जताया और इस संदर्भ में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से अपनी बातचीत का उल्लेख किया, जो इस समय अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
उन्होंने आपातकाल की चर्चा करते हुए देशवासियों को उस समय के हालात से अवगत कराने के लिए विभिन्न नेताओं के ऑडियो संदेशों को भी सुनाया।
एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ने की इच्छा पर उन्होंने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है।