क्या बिहार चुनाव में जनता इन मुद्दों पर करेगी वोटिंग?

सारांश
Key Takeaways
- बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 6 और 11 नवंबर को होगा।
- सर्वे में बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुद्दा माना गया है।
- एनडीए को 150-160 सीटें मिलने का अनुमान है।
- चुनाव परिणाम 14 नवंबर को आएंगे।
- 54 प्रतिशत लोगों ने विशेष गहन पुनरीक्षण को सकारात्मक बताया है।
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। चुनाव आयोग ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। बिहार की 243 सीटों पर दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण में मतदान 6 नवंबर को 121 सीटों पर होगा, वहीं दूसरे चरण में 122 सीटों पर 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। चुनाव के परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही राष्ट्र प्रेस-मैटराइज का सर्वे भी सामने आया है। इस सर्वे के अनुसार, बिहार में एक बार फिर से एनडीए गठबंधन की सरकार बनने के संकेत हैं। एनडीए को 243 सीटों में 150-160 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि इंडी गठबंधन को 70 से 85 सीटें मिलने की संभावना है।
सर्वे के दौरान बिहार की जनता से कई मुद्दों पर राय ली गई। यह जानने का प्रयास किया गया कि विधानसभा चुनाव में मतदाता किन मुद्दों पर वोट डालेंगे। जनता की राय के अनुसार, इस बार चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है।
मतदाता द्वारा मतदान के लिए बेरोजगारी को 24 प्रतिशत, भ्रष्टाचार को 10 प्रतिशत, और बुनियादी सुविधाएं को 2 प्रतिशत मुद्दा मान गया है। इसके अलावा, प्रदेश की कानून व्यवस्था (5 प्रतिशत) और महंगाई (7 प्रतिशत) को भी चुनावी मुद्दे के रूप में देखा गया है।
प्रधानमंत्री मोदी का चेहरा 9 प्रतिशत, स्वास्थ्य व्यवस्था 2 प्रतिशत, शिक्षा प्रणाली 8 प्रतिशत, और किसानों से जुड़े मुद्दे 4 प्रतिशत को भी चुनाव में महत्वपूर्ण माना गया है। इसके साथ-साथ बाढ़ 1 प्रतिशत, पलायन 4 प्रतिशत, राज्य का विकास 2 प्रतिशत, और शराबबंदी 3 प्रतिशत मुद्दा है।
हालांकि, 15 प्रतिशत
इसके अतिरिक्त, राष्ट्र प्रेस-मैटराइज सर्वे में बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बारे में भी जनता की राय ली गई। इसमें 54 प्रतिशत17 प्रतिशत13 प्रतिशत16 प्रतिशत