क्या बिहार में चुनावी हार के बाद राजद की समीक्षा बैठक चल रही है?
सारांश
Key Takeaways
- राजद की हार ने पार्टी के लिए नई चुनौतियां खड़ी की हैं।
- समीक्षा बैठक में सार्वजनिक प्रतिक्रिया को ध्यान में रखा जा रहा है।
- भितरघात के कारणों का विश्लेषण किया जा रहा है।
- राजद को अपने सहयोगियों से अपेक्षित समर्थन नहीं मिला।
- पार्टी में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
पटना, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में मिली भयानक हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) एक समीक्षा बैठक का आयोजन कर रहा है, जिसमें हार के कारणों की खोज की जा रही है। यह बैठक चार दिसंबर तक प्रतिदिन आयोजित की जाएगी, जिसमें प्रमंडलवार नेताओं को बुलाया जा रहा है और हार का विश्लेषण किया जा रहा है।
बृहस्पतिवार को राजद कार्यालय में सारण प्रमंडल के उम्मीदवारों के साथ एक बैठक हुई, जिसमें राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल और पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी जैसे वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।
बुधवार को पहले दिन मगध प्रमंडल के नेताओं को बुलाया गया था। इस बैठक में वरिष्ठ नेता प्रत्याशियों से चर्चा कर पूरी स्थिति को समझने का प्रयास कर रहे हैं।
राजद के सूत्रों के अनुसार, पार्टी के विभिन्न क्षेत्रों में हार के अलग-अलग कारण सामने आ रहे हैं। कुछ क्षेत्रों में भितरघात को मुख्य कारण माना जा रहा है, जबकि अन्य जगहों पर सहयोगी दलों से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलना और उनकी पार्टी का वोट ट्रांसफर न होना भी कारण बताए जा रहे हैं।
भितरघात करने वाले नेताओं और चुनाव से दूर रहने वाले नेताओं की एक सूची भी तैयार की जा रही है। ऐसे नेताओं पर पार्टी कार्रवाई भी कर सकती है।
इस बीच, राजद के नेता तेजस्वी यादव बृहस्पतिवार को बिहार से बाहर चले गए। पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों ने उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने एक शब्द भी नहीं कहा। चुनाव में मिली हार के बाद से वह अब तक मीडिया के सामने नहीं आए हैं। बताया जा रहा है कि वह निजी कारणों से दिल्ली गए हैं।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में राजद को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री के उम्मीदवार थे, और उनकी पार्टी ने 143 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन केवल 25 पर जीत हासिल कर पाई। कांग्रेस, विकासशील इंसान पार्टी और वामपंथी दलों का प्रदर्शन भी बहुत अच्छा नहीं रहा।