क्या बिहार चुनाव में राजद के मतदान बूथों पर बिजली काटने के आरोप सही हैं?
सारांश
Key Takeaways
- राजद ने बिजली काटने के आरोप लगाए हैं।
- निर्वाचन आयोग ने आरोपों को खारिज किया है।
- मतदान प्रक्रिया की निगरानी सीसीटीवी से की जा रही है।
- बिहार के 18 जिलों में मतदान चल रहा है।
- पहले चरण में 27.65 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है।
पटना, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के दौरान, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने आरोप लगाया है कि महागठबंधन के मजबूत बूथों पर धोखे से मतदान की प्रक्रिया को बाधित करने के लिए बिजली काटी जा रही है। हालांकि, निर्वाचन आयोग ने इन आरोपों को नकार दिया है।
राजद ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में उल्लेख किया, "प्रथम चरण की वोटिंग के दौरान महागठबंधन के मजबूत बूथों पर जानबूझकर धीमे मतदान के लिए बिजली काटी जा रही है।" राजद ने चुनाव आयोग से मांग की है कि ऐसी धांधली और दुर्भावनापूर्ण इरादों पर त्वरित कार्रवाई की जाए।
बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह आरोप बिल्कुल निराधार और भ्रामक हैं। सभी मतदान केंद्रों पर मतदान सुचारू रूप से जारी है। भारत निर्वाचन आयोग निर्पक्षता, पारदर्शिता और निष्कर्षता के साथ मतदान प्रक्रिया का पालन कर रहा है।"
निर्वाचन आयोग बिहार में मतदान पर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी रख रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और दोनों चुनाव आयुक्त ने पहली बार 100 प्रतिशत मतदान केंद्रों में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की निगरानी के लिए चुनाव आयोग के नियंत्रण कक्ष में पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
वर्तमान में, बिहार के 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों के लिए पहले चरण का मतदान सुबह 7 बजे से शुरू हो चुका है। शुरुआती घंटों में 27.65 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। बेगूसराय में 11 बजे तक सबसे अधिक (30.37 प्रतिशत) मतदान हुआ है, जबकि पटना जिले में सबसे कम (23.71 प्रतिशत) वोट पड़े हैं।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, विधानसभा सीट के हिसाब से सुबह 11 बजे तक गरखा में सबसे अधिक 33.70 प्रतिशत वोट डाले गए हैं। इसके अलावा 12 अन्य सीटें हैं, जहां 30 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है, जिनमें चेरिया बरियारपुर (33.32 प्रतिशत), पारू (32.81 प्रतिशत), मीनापुर (32.46 प्रतिशत), हथुआ (32.40 प्रतिशत) और सहरसा (32.17 प्रतिशत) शामिल हैं।