क्या बिहार में चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव के आरोपों का जवाब दिया?
सारांश
Key Takeaways
- चुनाव आयोग ने पारदर्शिता बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
- तेजस्वी यादव ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- स्ट्रांग रूम की सुरक्षा को सुनिश्चित किया गया है।
पटना, 10 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय निर्वाचन आयोग ने राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा और चुनाव आयोग की मिलीभगत के आरोपों का उत्तर दिया है। आयोग ने सोमवार को एक प्रेस नोट में स्पष्ट किया कि मतदान में कुल लिंग अनुपात आमतौर पर अंतिम मतदान के समय दिया जाता है।
महागठबंधन के सीएम फेस तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग ने पहले चरण में हुए मतदान का ब्यौरा अब तक जारी नहीं किया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अमित शाह कई दिनों से पटना में हैं और वे बिहार के जिला अधिकारियों को बुलाकर उन्हें निर्देश दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री चुनाव जीतने के लिए इन अधिकारियों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।
तेजस्वी के आरोपों का उत्तर देते हुए चुनाव आयोग ने सोमवार को बिंदुवार जानकारी साझा की। आयोग ने कहा कि लगभग 80 प्रतिशत पुलिस बल सीआरपीएफ से तैनात हैं। केवल लगभग 20 प्रतिशत पुलिस बल राज्य सशस्त्र पुलिस से लिया गया है, जो विभिन्न राज्यों से आनुपातिक रूप से लिया जाता है।
चुनाव आयोग ने बताया कि सभी राज्यों से आनुपातिक रूप से पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया है, चाहे उस राज्य में सत्तारूढ़ दल कोई भी हो। सभी स्ट्रांग रूम में सीसीटीवी काम कर रहे हैं। जहां भी कोई खराबी देखी गई, उसे तुरंत ठीक किया गया है।
बता दें कि तेजस्वी यादव ने पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि वे चुनाव से पहले जिला स्तर के अधिकारियों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। तेजस्वी ने कहा कि बिहार की जनता नौकरशाही में होने वाले गड़बड़ियों को मतदान या मतगणना को प्रभावित नहीं करने देगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि स्ट्रांग रूम का सीसीटीवी बंद हो जा रहा है। तेजस्वी ने भाजपा शासित राज्यों से पुलिस बल और अधिकारियों को बुलाने के संबंध में भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनाव में नकारात्मक बातें की हैं और रोड मैप नहीं बताया है।