क्या बिहार के लिए 14 नवंबर बदलाव का दिन है? : मनोज झा
सारांश
Key Takeaways
- 14 नवंबर को बदलाव का दिन है।
- महिलाओं के लिए 10 हजार रुपए की सहायता पर सवाल उठाए गए।
- एनडीए का कोई स्पष्ट एजेंडा नहीं है।
- तेजस्वी यादव के वादे का महत्व है।
- सुप्रीम कोर्ट को वोटर लिस्ट के मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए।
पटना, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान 6 नवंबर को होने वाला है। इस संदर्भ में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता मनोज झा ने कहा कि 14 नवंबर बिहार के लिए बदलाव का दिन साबित होगा।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए मनोज झा ने कहा कि पहले चरण का चुनाव प्रचार समाप्त हो चुका है। बदलाव का आगाज़ 6 नवंबर से होगा और इसका वास्तविक परिणाम 14 नवंबर को देखने को मिलेगा। दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को है।
मनोज झा ने 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' के अंतर्गत महिलाओं के बैंक खातों में भेजे गए 10 हजार रुपए की सहायता पर कॉपी पेस्ट का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि आज महिलाओं को 10 हजार रुपए दिए जा रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि 20 साल से एनडीए की सरकार है, तो महिलाओं की आर्थिक स्थिति की चिंता क्यों नहीं की गई?
उन्होंने आगे कहा कि तेजस्वी यादव ने डेढ़ से दो साल पहले 'माई बहिन मान योजना' की घोषणा की थी, जबकि वर्तमान सरकार ने इसे कॉपी पेस्ट कर लिया। एनडीए के पास अपना कोई एजेंडा नहीं है। तेजस्वी यादव ने बिहार के युवाओं को रोजगार दिलाने की बात की थी, जबकि एनडीए के घोषणापत्र में रोजगार के मुद्दे का समावेश हुआ। यह सिर्फ कॉपी पेस्ट कर सकते हैं। लेकिन 14 नवंबर को जब बिहार की जनता बदलाव करेगी, तो तेजस्वी के वादे भी पूरे होंगे।
उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के 'जंगलराज' वाले बयान पर कहा कि यह शब्द पटना हाईकोर्ट ने पटना नगर निगम के संदर्भ में कहा था। उनसे पूछना चाहिए कि ये शब्द किस संदर्भ में कहे जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि चुनाव में एनडीए की ओर से 'कट्टा' की बात करना बेतुकी लगती है।
एसआईआर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वोटर लिस्ट का शुद्धिकरण हो, न कि वैध मतदाताओं के नाम काटे जाएं।