क्या अपराजिता के फूल से बनी चाय सिर दर्द और नींद की समस्या का समाधान कर सकती है?
सारांश
Key Takeaways
- अपराजिता के फूल की चाय सिर दर्द में राहत देती है।
- यह चाय नींद लाने में मददगार है।
- मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी।
- पाचन शक्ति को बढ़ाने में सहायक।
- वजन घटाने में मदद करती है।
नई दिल्ली, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अपराजिता के फूल को धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत पवित्र समझा जाता है। भगवान शिव, विष्णु और मां दुर्गा के लिए ये फूल अत्यंत प्रिय हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस फूल से बनी चाय में औषधीय गुण मौजूद हैं, जो माइग्रेन के दर्द से लेकर मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में सहायक है?
छोटे और नीले अपराजिता के फूल में सौंदर्य को बढ़ाने वाले और कई रोगों से निजात दिलाने वाले गुण पाए जाते हैं। इसमें एंटीफंगल, एंटीऑक्सीडेंट, और एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद हैं, जो स्किन को चमकदार बनाने, पेट से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने और आंखों की परेशानियों में राहत देते हैं।
खास बात यह है कि अपराजिता के फूल से बनी चाय मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी होती है। यह चाय आंखों के लिए एक बूस्टर की तरह कार्य करती है। यह आंखों में दर्द, थकान और चिपचिपेपन से राहत देती है और आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद करती है।
यदि ब्लड प्रेशर नियंत्रित नहीं है, तो अपराजिता की चाय बहुत फायदेमंद है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं और विषैले पदार्थों को बाहर निकालते हैं। इससे दिल अच्छे से रक्त को पंप कर पाता है और उस पर दबाव कम पड़ता है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम भी घटता है।
अनिद्रा की समस्या में भी अपराजिता के फूल की चाय एक औषधि की तरह काम करती है। यह मस्तिष्क को शांत करती है, जिससे मेलाटोनिन हार्मोन का उत्पादन बढ़ता है और नींद आने लगती है। नींद के लिए मस्तिष्क का तनावमुक्त रहना बहुत जरूरी है। इसीलिए दिन में दो बार भी अपराजिता की चाय का सेवन किया जा सकता है।
अपराजिता के फूल से बनी चाय पाचन शक्ति को बढ़ाने का कार्य करती है, जिससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और भूख लगती है। मेटाबॉलिज्म जब बूस्ट होता है तो शरीर में वसा का संचय कम होता है, जिससे वजन बढ़ने की गति धीमी हो जाती है।
अपराजिता के फूल की चाय बनाने की प्रक्रिया बहुत सरल है। इसके लिए एक बर्तन में पानी लेकर दो से तीन फूल मिलाकर उबालें। जब फूल अपना रंग छोड़ दें, तो इस चाय का सेवन करें। स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें शहद और रोजमैरी की पत्तियां भी डाल सकते हैं।