क्या बिहार में मधुबनी जिला नियोजन पदाधिकारी और डाटा एंट्री ऑपरेटर को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- भ्रष्टाचार पर अंकुश: बिहार में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
- रिश्वत की राशि: गिरफ्तार आरोपियों से 30 हजार रुपये की रिश्वत बरामद की गई।
- प्राथमिकी की संख्या: इस वर्ष 85वीं प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पटना, २५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने हेतु निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा निरंतर कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में आज, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की एक विशेष टीम ने मधुबनी जिले में एक नियोजन पदाधिकारी और एक डाटा एंट्री ऑपरेटर को रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ लिया।
ब्यूरो के कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, मधुबनी के जिला नियोजन पदाधिकारी मृणाल कुमार चौधरी को 20 हजार रुपये और जिला नियोजन कार्यालय में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर राहुल कुमार को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के एक अधिकारी ने बताया कि वैशाली जिले के किला गांव के निवासी नीतीश मोहन ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पटना कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी कि आरोपियों द्वारा बिहार कौशल विकास के दो केंद्रों को रद्द करने का भय दिखाकर रिश्वत मांगी जा रही है।
नीतीश मोहन बिहार कौशल विकास के दो केंद्रों का संचालन करते हैं। ब्यूरो द्वारा प्राप्त शिकायत का सत्यापन कराया गया और इस सत्यापन में आरोपियों द्वारा रिश्वत मांगने का प्रमाण पाया गया। प्रारंभिक दृष्टि में आरोप सही पाए जाने के बाद निगरानी थाना में एक मामला दर्ज कर पुलिस उपाधीक्षक अमरेंद्र कुमार विद्यार्थी को पूरे मामले की जांच करने का कार्य सौंपा गया।
पुलिस उपाधीक्षक के नेतृत्व में एक धावादल का गठन किया गया। धावादल ने गुरुवार को कार्रवाई करते हुए आरोपी मृणाल कुमार चौधरी को 20 हजार रुपये और राहुल कुमार को 10 हजार रुपये की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया। बताया गया कि दोनों आरोपियों से निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के अधिकारियों द्वारा पूछताछ की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा इस वर्ष भ्रष्टाचार के खिलाफ यह 85वीं प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई है। इसमें यह ट्रैप संबंधी 69वां कांड है। अब तक 79 आरोपियों को रंगेहाथ गिरफ्तार किया जा चुका है। इस दौरान रिश्वत के 27.63 लाख रुपये बरामद किए गए हैं।