क्या बिहार में बनेगी 'महागठबंधन' की सरकार, एनडीए बिखरने वाला है?

सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन की एकजुटता और चुनावी रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
- एनडीए में असंतोष की स्थिति चुनावी परिणामों को प्रभावित कर सकती है।
- सीट शेयरिंग का मुद्दा दोनों पक्षों के लिए महत्वपूर्ण है।
- बिहार में कांग्रेस की दावेदारी चुनावी समीकरण को बदल सकती है।
- जनसुराज और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणाएं चुनावी प्रतिस्पर्धा को बढ़ा सकती हैं।
पटना, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन की सरकार बनने के संकेत देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि बिहार की जनता का रुझान महागठबंधन की ओर है।
हालांकि, एनडीए ने भी चुनाव जीतने का दावा किया है।
राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए उन्होंने बताया कि महागठबंधन में सीट शेयरिंग के मामले में सब कुछ सुचारू है और जल्द ही अंतिम तस्वीर स्पष्ट होगी। एनडीए में व्यापक असंतोष की स्थिति है, और सीट शेयरिंग के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं हो पा रहा है। एनडीए अब बिखरने की कगार पर है।
मिश्रा ने यह भी कहा कि यह चुनाव एनडीए के लिए नहीं, बल्कि जनता का झुकाव महागठबंधन की ओर है।
उन्होंने यह दावा किया कि महागठबंधन एकजुट होकर चुनाव लड़ेगा और बिहार में इंडिया ब्लॉक की जीत होगी, जिसका असर एनडीए के सहयोगी दलों पर भी पड़ेगा। कांग्रेस ने 76 सीटों पर दावेदारी की बात की है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।
तेजस्वी यादव के दिल्ली दौरे को लेकर उन्होंने कहा कि हमें इस बात की कोई जानकारी नहीं है, लेकिन सीट शेयरिंग का मुद्दा जल्द ही सुलझ जाएगा। बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों गठबंधनों की तैयारियां तेज हो गई हैं, लेकिन सीट शेयरिंग का मुद्दा अब भी दोनों पक्षों के लिए चुनौती बना हुआ है।
ज्ञातव्य है कि एनडीए के नेता भी दावा कर रहे हैं कि जल्द ही अपनी घोषणा करेंगे। दूसरी ओर, कांग्रेस नेता भी इसी प्रकार का दावा कर रहे हैं। इस बीच, जनसुराज ने 51 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। आम आदमी पार्टी ने भी 11 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है।