क्या लोकतंत्र बचाने के लिए आर-पार की लड़ाई है? एसआईआर पर बोले मृत्युंजय तिवारी

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क्या लोकतंत्र बचाने के लिए आर-पार की लड़ाई है? एसआईआर पर बोले मृत्युंजय तिवारी

सारांश

बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इसे लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक निर्णायक संघर्ष बताया है। जानें, विपक्ष की रणनीति और सरकार का जवाब क्या है।

Key Takeaways

  • लोकतंत्र की रक्षा के लिए आर-पार की लड़ाई चल रही है।
  • राजद प्रवक्ता ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • इंडिया गठबंधन ने धमकी दी है कि वे पीछे नहीं हटेंगे।
  • सरकार के जुल्म के खिलाफ विपक्ष एकजुट है।
  • सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

पटना, १२ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्ष का आक्रमण बढ़ता जा रहा है। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने मंगलवार को केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह केवल एक राजनीतिक विवाद नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक निर्णायक लड़ाई है। उन्होंने दोहराया कि इंडिया गठबंधन और विपक्ष किसी भी स्थिति में पीछे नहीं हटेंगे, भले ही सरकार कितनी भी जुल्म करे।

मृत्युंजय तिवारी ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में आरोप लगाया कि चुनाव आयोग अब 'भाजपा आयोग' के रूप में कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि सत्ता के साधनों के जरिए विपक्ष को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। यह करो या मरो की लड़ाई है, जो लोकतंत्र को बचाने के लिए है। चाहे सरकार कितनी भी जुल्म करे, हम डरने वाले नहीं हैं। एसआईआर के मुद्दे पर इंडी गठबंधन किसी भी एफआईआर से भयभीत नहीं है।

राजद प्रवक्ता ने यह भी आरोप लगाया कि सत्ताधारी पक्ष चुनाव आयोग और अन्य तंत्रों का उपयोग करके वोटों की चोरी कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के माध्यम से वोटों की चोरी की जा रही है, जिसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। कब तक सत्ता के हथियारों से जुल्म किया जाएगा?

जब उनसे पूछा गया कि क्या विपक्ष चुनाव का बहिष्कार करेगा, तो तिवारी ने कहा कि चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न उठ गए हैं और इसकी साख पर दाग लग चुका है। उन्होंने कहा कि अगर यही स्थिति बनी रही, तो चुनाव का अर्थ ही समाप्त हो जाएगा। हमें पूरा विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय न्याय करेगा और चुनाव आयोग को एसआईआर के मुद्दे पर पीछे हटना पड़ेगा, क्योंकि चारों ओर गड़बड़ियां हैं। इस स्थिति में साफ-सुथरे चुनाव कैसे संभव हैं?

गौरतलब है कि एसआईआर के मुद्दे पर विपक्ष लगातार हमलावर है और इसे लोकतंत्र पर सीधा हमला मानता है, जबकि सत्ताधारी पक्ष ने विपक्ष के इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है।

Point of View

सभी पक्षों को अपने विचारों को प्रकट करने का अवसर मिलना चाहिए। लोकतंत्र की मजबूती के लिए आवश्यक है कि सभी दल एक-दूसरे के विचारों का सम्मान करें। हमें इस मुद्दे पर गहराई से सोचने की आवश्यकता है और न्यायपालिका की भूमिका पर भी ध्यान देना चाहिए।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) क्या है?
मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) एक प्रक्रिया है जिसमें मतदाता सूची को अद्यतन और सही किया जाता है।
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने क्या आरोप लगाए हैं?
उन्होंने चुनाव आयोग को 'भाजपा आयोग' करार देते हुए विपक्ष को दबाने का आरोप लगाया है।
क्या विपक्ष चुनाव का बहिष्कार करेगा?
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ गए हैं।
इंडिया गठबंधन का क्या कहना है?
इंडिया गठबंधन ने कहा है कि वे किसी भी हाल में पीछे नहीं हटेंगे।
सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका क्या होगी?
उन्हें पूरा विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय इस मामले में न्याय करेगा।