क्या बिहार में पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगेगा? केंद्र सरकार ने दी सहमति

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क्या बिहार में पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगेगा? केंद्र सरकार ने दी सहमति

सारांश

केंद्र सरकार ने बिहार में पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने का ऐलान किया है, जो ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सामाजिक और आर्थिक विकास को भी गति देगा।

Key Takeaways

  • बिहार में पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित होगा।
  • केंद्र सरकार हर संभव मदद को तैयार है।
  • यह ऊर्जा आत्मनिर्भरता में मदद करेगा।
  • स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर आसानी से स्थापित किए जा सकते हैं।
  • यह तकनीकी निवेश और रोजगार के अवसर प्रदान करेगा।

पटना, २४ जून (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य में परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने में समर्थन देने का ऐलान किया है। इससे राज्य में पहले परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थापना की प्रक्रिया को गति मिलेगी।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को पटना में ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब भारत में छह स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर लगाए जाएंगे, जिनमें से एक रिएक्टर बिहार में स्थापित किया जाएगा। केंद्र सरकार बिहार में परमाणु संयंत्र की स्थापना के लिए हर संभव मदद देने को तत्पर है।

मंत्री ने बताया कि बिहार सरकार ने सम्मेलन में परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने की मांग रखी थी, जिसे स्वीकृति मिल गई है।

उन्होंने कहा कि यदि बिहार सरकार परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की योजना बनाती है, तो केंद्र सरकार पूरी तरह से सहयोग देने के लिए तैयार है। देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लक्ष्य है कि हर राज्य में कम से कम एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जाए। जैसे-जैसे देश की विकास दर बढ़ रही है, बिजली की मांग भी बढ़ रही है, ऐसे में परमाणु ऊर्जा एक विश्वसनीय, टिकाऊ और दीर्घकालिक विकल्प है।

सूत्रों के अनुसार, बिहार में स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर की स्थापना से राज्य को स्थायी ऊर्जा स्रोत, तकनीकी निवेश, हजारों नौकरियों और उद्योगों को नई ऊर्जा मिलने की संभावना है। इसे राज्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता के लिए एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है। यह उन क्षेत्रों में भी आसानी से स्थापित किया जा सकता है जहाँ जनसंख्या कम है या ऊर्जा की खपत मध्यम है। इन रिएक्टरों का रखरखाव भी सरल होता है।

बैठक के दौरान मनोहर लाल ने एक्स पर लिखा, "पटना में क्षेत्रीय विद्युत मंत्रियों के सम्मेलन (पूर्वी क्षेत्र) में बिहार, झारखंड और ओडिशा के ऊर्जा मंत्रियों के साथ सार्थक चर्चा की। राज्यों से बिजली क्षेत्र में प्रमुख सुधारों में तेजी लाने का आग्रह किया गया है।"

उन्होंने आगे लिखा, "साथ ही परिचालन दक्षता पर ध्यान केंद्रित करते हुए एटीएंडसी घाटे में कटौती करने और डिस्कॉम की वित्तीय व्यवहार्यता में सुधार करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। पूर्वी क्षेत्र के लिए एक विश्वसनीय, सुरक्षित और भविष्य के लिए तैयार बिजली पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण सर्वोच्च प्राथमिकता है।"

Point of View

जो राज्य की ऊर्जा संकट को हल करने में मदद करेगा। यह न केवल ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा, बल्कि रोजगार और आर्थिक विकास के नए अवसर भी प्रदान करेगा।
NationPress
25/06/2025

Frequently Asked Questions

बिहार में परमाणु ऊर्जा संयंत्र कब स्थापित होगा?
परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थापना की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी, लेकिन निश्चित तारीख अभी निर्धारित नहीं की गई है।
क्या यह संयंत्र पर्यावरण के लिए सुरक्षित होगा?
स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टरों को सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल माना जाता है।
इस संयंत्र से कितने रोजगार मिलेंगे?
यह संयंत्र हजारों रोजगार सृजित करने की संभावना रखता है।