क्या बिहार की जनता को सीएम नीतीश और पीएम मोदी के नेतृत्व में विकास पसंद है?

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क्या बिहार की जनता को सीएम नीतीश और पीएम मोदी के नेतृत्व में विकास पसंद है?

सारांश

बिहार विधानसभा चुनाव के बीच दयाशंकर सिंह ने परिवार आधारित पार्टियों पर हमला बोला। उनका कहना है कि जनता को सीएम नीतीश और पीएम मोदी का विकास पसंद है। जानिए इस विवाद की पूरी कहानी और इसके पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • परिवारवाद को बढ़ावा देने वाली पार्टियों की आलोचना।
  • नीतीश कुमार और पीएम मोदी के नेतृत्व में हो रहे विकास की प्रशंसा।
  • चुनाव आयोग की स्वतंत्रता पर सवाल उठाना उचित नहीं।
  • राजनीति में विकास की आवश्यकता।
  • महागठबंधन का स्वार्थ पर आधारित होना।

बलिया, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान 'जननायक' विवाद के संदर्भ में यूपी के मंत्री दयाशंकर सिंह ने कांग्रेस, राजद और समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि ये तीनों पार्टियाँ केवल परिवारवाद पर आधारित हैं और इनके परिवार के लोग ही हर स्तर पर मौजूद हैं। जनता को इनसे कोई फर्क नहीं पड़ता है। बिहार की जनता को सीएम नीतीश कुमार और पीएम मोदी के नेतृत्व में हो रहा विकास पसंद है।

राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि परिवार को बढ़ावा देने वाली पार्टी कुछ भी कह सकती है। राजद के कार्यकर्ता तेजस्वी को नायक कहेंगे, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता राहुल गांधी और अखिलेश यादव को जननायक कहेंगे। इन परिवारवाद को बढ़ावा देने वाली पार्टियों को यह समझना होगा कि जननायक कहलाए जाने से कोई जननायक नहीं बनता; यह उपमा केवल जनता देती है।

उन्होंने बिहार की एनडीए सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि बिहार की जनता नीतीश कुमार के नेतृत्व पर विश्वास करती है। पीएम मोदी के मार्गदर्शन में बिहार में विकास हो रहा है। परिवारवादी पार्टियों की बातें जनता पर कोई असर नहीं डालती हैं।

उन्होंने एसआईआर के दूसरे चरण की घोषणा पर विपक्षी नेताओं के बयानों का जवाब देते हुए कहा कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी संवैधानिक संस्था चुनाव आयोग है। इस पर सवाल उठाना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि जब चुनाव जीतते हैं तो आयोग अच्छा होता है, और हारने पर आरोप लगाने लगते हैं। कभी ईवीएम पर आरोप लगाते हैं तो कभी चुनाव आयोग पर, जबकि जनता सब कुछ समझ रही है।

मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि समाजवादी पार्टी हो या कांग्रेस, इन परिवारवादी पार्टियों का एक ही एजेंडा है - चुनाव हारने पर केवल आरोप लगाना। चुनाव आयोग की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि एसआईआर का स्वागत किया जाना चाहिए। मतदाता सूची को शुद्ध किया जाना चाहिए और अवैध मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि एसआईआर कोई नई प्रक्रिया नहीं है; पहले भी चुनाव आयोग द्वारा ऐसा होता रहा है।

राहुल गांधी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि महागठबंधन का कोई मेल नहीं है। स्वार्थ पर आधारित गठबंधन ज्यादा समय तक नहीं चल सकता है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बिहार की जनता का ध्यान विकास पर है। दयाशंकर सिंह का बयान दर्शाता है कि राजनीतिक मुद्दों पर जनता का रुख क्या है। परिवारवाद से ऊपर उठकर, मुख्यधारा की राजनीति में विकास और नेतृत्व की आवश्यकता है।
NationPress
28/10/2025

Frequently Asked Questions

दयाशंकर सिंह ने किन पार्टियों पर हमला बोला?
दयाशंकर सिंह ने कांग्रेस, राजद और समाजवादी पार्टी पर हमला बोला।
बिहार की जनता किस नेता के नेतृत्व में विकास को पसंद करती है?
बिहार की जनता को सीएम नीतीश कुमार और पीएम मोदी के नेतृत्व में हो रहा विकास पसंद है।