क्या बिहार में 99.8 प्रतिशत मतदाताओं का पंजीकरण पूरा हुआ? : केसी त्यागी

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में 99.8 प्रतिशत मतदाता पंजीकरण पूरा हुआ।
- पंजीकरण में आपत्तियों के लिए 1 अगस्त से 1 सितंबर तक समय।
- जदयू ने विपक्ष के आरोपों का खंडन किया।
- कारगिल विजय दिवस पर भारतीय सेना को सम्मानित किया गया।
- मतदाता सत्यापन की प्रक्रिया पारदर्शिता के लिए आवश्यक।
नई दिल्ली, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के पहले चरण के पूरा होने पर चुनाव आयोग ने 99.8 प्रतिशत मतदाताओं का पंजीकरण पूरा कर लिया है।
शनिवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि यह पंजीकरण कार्य सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि विपक्ष बेवजह आरोप लगा रहा है। यदि किसी को मतदाता सूची में किसी नाम की शामिलगी या हटाए गए नामों पर आपत्ति है, तो इसके लिए 1 अगस्त से 1 सितंबर तक का समय दिया गया है, जिसमें दावे और आपत्तियां प्रस्तुत की जा सकती हैं। इस दौरान उन मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे, जिनका निधन हो चुका है, और नए योग्य मतदाताओं के नाम जोड़े जा सकते हैं। यह प्रक्रिया स्वच्छ और पारदर्शी मतदाता सूची सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है, जो आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए आवश्यक है।
26वें कारगिल विजय दिवस पर जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि आज का दिन भारतीय सेना के उन वीरों को सम्मानित करने का है, जिन पर देश को गर्व है।
जेडीयू के वरिष्ठ नेता ने मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू करने में कांग्रेस और राजीव गांधी की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इसके बाद वीपी सिंह की सरकार गिरा दी गई।
बिहार विधानसभा चुनाव में मतदाता सत्यापन को लेकर विपक्ष लगातार सरकार और चुनाव आयोग पर मिलीभगत का आरोप लगाता रहा है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने तो वोट चोरी का भी आरोप लगाया। बिहार में मतदाता सत्यापन को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हैं। विपक्ष के इन आरोपों पर जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा है कि जब राहुल गांधी की पार्टी चुनाव जीतती है, तब उन्हें चुनाव आयोग सही लगता है। कई राज्यों में उनकी सरकारें हैं, तब कोई सवाल नहीं उठता। लेकिन जब वे हारते हैं, तो तुरंत ईवीएम और चुनाव आयोग पर सवाल उठाने लगते हैं। चुनाव आयोग निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से कार्य कर रहा है, और विपक्ष को अपनी हार का ठीकरा दूसरों पर फोड़ने के बजाय आत्ममंथन करना चाहिए।