क्या बिहार में कांग्रेस की स्थिति कमजोर है? संजय निरुपम का महत्वाकांक्षी रवैया महागठबंधन को नुकसान पहुंचाएगा?

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस की सीट मांगना हानिकारक हो सकता है।
- महागठबंधन की एकता का ख्याल रखना जरूरी है।
- पंकज धीर का योगदान अद्वितीय था।
- अफगानिस्तान के साथ संबंध बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
- एनसीपी ने अनुशासनहीनता पर एक्शन लिया है।
मुंबई, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर चल रही तनातनी पर कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कांग्रेस के रवैये को गठबंधन के लिए हानिकारक करार दिया।
निरुपम ने कहा कि बिहार में कांग्रेस का वोट शेयर केवल 5-7 प्रतिशत है, फिर भी वह राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के बराबर सीटों की मांग कर रही है।
उन्होंने कांग्रेस के इस रवैये को अतिमहत्वाकांक्षी बताया और कहा कि पार्टी हमेशा सहयोगी दलों का उपयोग अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए करती है। कांग्रेस का यह रवैया गठबंधन की एकजुटता को कमजोर कर सकता है, जिसका खामियाजा बिहार चुनाव में भुगतना पड़ सकता है।
संजय निरुपम ने प्रसिद्ध अभिनेता पंकज धीर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पंकज धीर ने टीवी धारावाहिक ‘महाभारत’ में कर्ण की भूमिका निभाकर दर्शकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी थी। वो न केवल एक उम्दा कलाकार, बल्कि एक महान इंसान और हमारे निजी मित्र थे। उनका निधन भारतीय फिल्म और टीवी इंडस्ट्री के लिए अपूरणीय क्षति है। ऐसे कलाकार कम ही जन्म लेते हैं, जिन्होंने अभिनय के साथ मानवीयता की मिसाल कायम की हो।
विदेश नीति के मुद्दे पर बोलते हुए निरुपम ने कहा कि अफगानिस्तान भारत का परंपरागत मित्र रहा है। यूपीए सरकार के दौरान भारत ने वहां संसद भवन, सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। तालिबान के सत्ता में आने के बावजूद अफगानिस्तान के साथ रिश्ते बनाए रखना कूटनीतिक रूप से सही कदम है।
उन्होंने पाकिस्तान को भारत का दुश्मन करार देते हुए पहलगाम हमले का जिक्र किया, जिसमें पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 26 निर्दोष लोगों की जान ली थी। इसके जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया है, जो तब तक जारी रहेगा, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता रहेगा।
महाराष्ट्र में एनसीपी विधायक संग्राम अरुण जगताप के विवादित बयान पर भी संजय निरुपम ने प्रतिक्रिया दी। निरुपम ने कहा कि विधायक जगताप के विवादित बयान को लेकर एनसीपी नेतृत्व ने गंभीरता दिखाई है। पार्टी के प्रमुख और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने स्वयं उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह स्पष्ट करता है कि एनसीपी अपने नेताओं की अनुशासनहीनता या गैर-जिम्मेदाराना बयानों को गंभीरता से ले रही है। अब विधायक को अपने बयान को लेकर स्पष्टीकरण देना होगा। यह कदम राजनीतिक जवाबदेही और पार्टी की साख बनाए रखने की दिशा में एक आवश्यक कदम है।