क्या बिहार में 45 हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण होगा? : कमलेश पासवान

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में 45 हजार किलोमीटर सड़कें बनेंगी।
- 76 हजार करोड़ रुपए की लागत होगी।
- रिपोर्ट जल्दी भेजने की आवश्यकता है।
- अनुसूचित जनजाति परिवारों के लिए आवास की जरूरत है।
- मनरेगा के तहत 6,800 खेल मैदानों का निर्माण होगा।
पटना, 9 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने बुधवार को यहां घोषणा की कि बिहार में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के चौथे चरण की शुरुआत हो चुकी है। इस योजना के तहत 76 हजार करोड़ रुपए की लागत से 45 हजार किलोमीटर सड़कें बनाई जाएंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्य के लिए बिहार को जल्दी से जल्दी रिपोर्ट तैयार करके केंद्र के पास भेजनी होगी, ताकि आवश्यक फंड जारी किया जा सके। रिपोर्ट मिलते ही केंद्र सरकार फंड जारी कर देगी।
कमलेश पासवान ने बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जम्मू-कश्मीर पहला राज्य है, जिसने पीएमजीएसवाई से संबंधित अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
उन्होंने यह भी बताया कि बिहार द्वारा मनरेगा से संबंधित सभी मांगों पर विचार किया जाएगा।
साथ ही, बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने मनरेगा के बकाए के अलावा अन्य प्रस्तावों को जल्द पूरा करने की मांग की, जिसमें मनरेगा के अंतर्गत मजदूरी मद में 200 करोड़ रुपए और सामग्री मद के लिए लगभग 2,000 करोड़ रुपए शामिल हैं।
बैठक में अतिपिछड़ा, दलित और अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों के लिए आवास आवंटन के लिए भी अनुरोध किया गया। बिहार में अनुसूचित जनजाति समुदाय के 24 लाख परिवार बेघर हैं, जिन्हें आवास की आवश्यकता है। सर्वे में 94 लाख बेघर परिवार सामने आए हैं।
मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने मनरेगा के माध्यम से 6,800 खेल मैदानों का निर्माण करने की योजना बनाई है, जिसके लिए भी केंद्र सरकार से फंड की मांग की गई है।