क्या बिहार में गठबंधन धर्म का पालन करते हुए कांग्रेस को सम्मान मिलना चाहिए?

सारांश
Key Takeaways
- गठबंधन धर्म का पालन होना आवश्यक है।
- कांग्रेस को उचित सम्मान मिलना चाहिए।
- राजनीतिक स्थिरता के लिए सभी को एकजुट होना होगा।
- मतदाता पुनरीक्षण में पारदर्शिता जरूरी है।
- पप्पू यादव का कार्यकर्ता रूप में ध्यान केंद्रित है।
पटना, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार में सांसदों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया है। इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) इस कदम से नाराज दिख रहा है। जब पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव से इस बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, "हमें कोई नाराजगी नहीं है। मेरा ध्यान एक कार्यकर्ता के रूप में अपने कार्य पर केंद्रित है।"
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि इस बैठक में उन्हें भी आमंत्रित किया गया है, लेकिन वह केवल सुनेंगे और कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि गठबंधन के तहत कांग्रेस को उचित सम्मान मिलना चाहिए। बिहार में जहां भी कांग्रेस का जनाधार है, वहां उसे सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, "यदि गठबंधन धर्म का पालन करते हुए कांग्रेस को सम्मान दिया गया, तो आने वाले समय में महागठबंधन से कोई मुख्यमंत्री जरूर बनेगा।" राहुल गांधी हमेशा से इस दिशा में प्रयास करते रहे हैं। मुझे लगता है कि अन्य घटक दलों को भी इस पर विचार करना चाहिए।
इसके अतिरिक्त, मतदाता पुनरीक्षण के दौरान नेपाल और म्यांमार के नागरिकों के संदर्भ में चिंता जताई गई है। इस पर पप्पू यादव ने सवाल उठाते हुए कहा कि यह बात कौन कह रहा है। "अगर कोई दूसरा राजनीतिक दल चुनाव नहीं लड़ना चाहता, तो सीधे बता दें कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में केवल भाजपा ही चुनाव लड़ेगी।"
उन्होंने कहा कि यह स्थिति अजीब है। जिनके पास राशन कार्ड और आधार कार्ड जैसे सभी जरूरी दस्तावेज हैं, उनके बारे में भी यही कहा जा रहा है कि वे विदेशी हैं।
जब उनसे पूछा गया कि क्या पटना में महागठबंधन के रोड शो में आरजेडी ने उन्हें मंच पर नहीं चढ़ने दिया था, तो उन्होंने कहा, "मैं इन बातों पर ध्यान नहीं देता। जहां मैं खड़ा होता हूं, वही मेरा मंच होता है।"