क्या बिहार में वोटर अधिकार यात्रा जीरो से शुरू होकर जीरो पर खत्म हुई? - उपेंद्र कुशवाहा

सारांश
Key Takeaways
- उपेंद्र कुशवाहा ने यात्रा को असफल बताया।
- अमित शाह ने यात्रा को घुसपैठियों का समर्थन करने वाला कहा।
- तेजस्वी यादव की यात्रा का उद्देश्य जनता को जोड़ना है।
- बिहार में एनडीए की सरकार बनने की संभावनाएं हैं।
- राहुल गांधी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए गए हैं।
पटना, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बिहार में घुसपैठ पर दिए गए बयान का जोरदार समर्थन किया है।
अमित शाह ने एक सभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' को 'घुसपैठिया बचाओ यात्रा' कहा और आरोप लगाया कि विपक्ष झूठा नैरेटिव फैलाने की कोशिश कर रहा है। राहुल बाबा ने बिहार में 'घुसपैठिया बचाओ यात्रा' निकाली थी, जिससे झूठे नैरेटिव को बढ़ावा दिया जा सके।
उपेंद्र कुशवाहा ने मीडिया से बातचीत में विपक्ष की 'वोटर अधिकार यात्रा' को पूरी तरह से असफल बताते हुए कहा कि यह केवल घुसपैठियों के वोट बैंक को बचाने का प्रयास था, जो बिहार की जनता के हितों के खिलाफ है।
कुशवाहा ने यह भी कहा कि यह यात्रा "जीरो से शुरू हुई और जीरो पर खत्म हो गई। वोटर अधिकार यात्रा से कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है, जनता ने इसे नकार दिया है।
उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के 'जेन जी' से संबंधित बयान पर तीखा हमला करते हुए कहा कि राहुल गांधी खुद नहीं जानते कि वे क्या बोल रहे हैं। उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।
तेजस्वी यादव की बिहार अधिकार यात्रा पर उन्होंने कहा कि चुनाव को ध्यान में रखते हुए सभी दल अपनी-अपनी योजनाएँ बना रहे हैं, लेकिन तेजस्वी यादव भी जानते हैं कि अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए चाहे कितनी भी यात्रा निकाल लें, उन्हें इस चुनाव में सफलता नहीं मिलेगी। एनडीए की सरकार फिर से बनेगी क्योंकि जनता का झुकाव साफ़ तौर पर एनडीए की तरफ है।
ज्ञात हो कि राहुल गांधी के नेतृत्व में वोटर अधिकार यात्रा में शामिल राजद नेता तेजस्वी यादव बिहार में अधिकार यात्रा निकाल रहे हैं। राजद नेताओं का दावा है कि लोगों के सुझाव पर यह यात्रा निकाली जा रही है, ताकि उन जिलों तक तेजस्वी यादव का संदेश पहुंच सके, जो वोटर अधिकार के दौरान छूट गए थे।