क्या रोहिणी आचार्य को सबसे पहले लालू-राबड़ी के पास जाकर न्याय मांगना चाहिए?: दिलीप जायसवाल
सारांश
Key Takeaways
- रोहिणी आचार्य ने परिवार के सदस्यों पर आरोप लगाए हैं।
- दिलीप जायसवाल का मानना है कि माता-पिता सबसे अच्छे सलाहकार होते हैं।
- यह मामला बिहार की राजनीति में चर्चा का विषय बना है।
पटना, १३ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार सरकार में मंत्री और भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य को यह सलाह दी है कि यदि उन्हें अपने परिवार में कोई शिकायत है, तो उन्हें अपने माता-पिता (राबड़ी देवी और लालू प्रसाद यादव) के पास जाकर न्याय मांगना चाहिए।
रोहिणी आचार्य के 'पोस्ट' पर मंत्री दिलीप जायसवाल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "यह मुख्य रूप से लालू यादव के परिवार से जुड़ा मामला है। रोहिणी आचार्य को न्याय के लिए सबसे पहले लालू यादव और राबड़ी देवी के पास जाना चाहिए। यदि उनकी बेटी को परिवार में कोई शिकायत है तो लालू और राबड़ी को इस पर ध्यान देना चाहिए।"
दिलीप जायसवाल ने आगे कहा, "हमारा मानना है कि सबसे अच्छा फोरम माता-पिता हैं। मुख्यमंत्री और लोग ऐसे निजी मामलों में दखल नहीं दे सकते। इसलिए उन्हें लालू-राबड़ी के पास फरियाद रखनी चाहिए।"
बता दें कि परिवार के सदस्यों पर मारपीट के आरोप लगाने वाली रोहिणी आचार्य ने दो दिन पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक भावुक पोस्ट किया था। उन्होंने लिखा, "प्रत्येक बेटी को इस आश्वासन के साथ बड़े होने का अधिकार है कि उसका मायका एक ऐसा सुरक्षित स्थान है, जहां वह बिना किसी डर, अपराधबोध, शर्म या किसी को कोई स्पष्टीकरण दिए बिना लौट सकती है। इस उपाय को लागू करना केवल एक प्रशासनिक दायित्व नहीं है, बल्कि अनगिनत महिलाओं को भविष्य में होने वाले शोषण और उत्पीड़न से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।"
बिहार सरकार में मंत्री दिलीप जायसवाल ने १४ दिसंबर को दिल्ली में कांग्रेस के प्रदर्शन पर कहा, "एसआईआर बिहार में सफल रहा है और इसे दूसरे राज्यों में भी बहुत प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। मतदाता सूची का शुद्धिकरण होना चाहिए। लेकिन एसआईआर का विरोध करने वाले लोग असल में देश और लोकतंत्र का विरोध कर रहे हैं। ऐसे लोगों को देश की जनता मुंहतोड़ जवाब देगी।"
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बिहार दौरों पर दिलीप जायसवाल ने कहा, "मुख्यमंत्री नई एनडीए सरकार में लगातार प्रगति की निगरानी और समीक्षा कर रहे हैं, चाहे वह औद्योगिक क्षेत्र हो या विकास के दूसरे क्षेत्र। वह व्यक्तिगत रूप से साइटों का दौरा करते हैं और निर्देश देते हैं। वह २०२५-२०३० के लिए किए गए वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
राजद के 'हर बिहारी पर २७ हजार कर्ज' वाले दावों पर दिलीप जायसवाल ने कहा, "राजद के पास कोई काम नहीं है। पार्टी निष्क्रिय और मुद्दाविहीन हो गई है। नतीजतन, राजद बेतरतीब बयान देती रहती है। अब, जनता राजद की बातों पर ध्यान नहीं देती।"