क्या बिहार के रोपवे हादसे के बाद राजद ने सरकार पर निशाना साधा?
सारांश
Key Takeaways
- रोपवे का निर्माण 13 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा था।
- ट्रायल के दौरान पिलर गिर जाने से कोई जनहानि नहीं हुई।
- राजद ने सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
- चौरासन मंदिर स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण है।
- यह घटना राजनीतिक विवाद को जन्म दे सकती है।
पटना, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के रोहतास में निर्माणाधीन 13 करोड़ रुपए की रोपवे के ट्रायल के दौरान ध्वस्त होने की घटना ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। इस घटना में रोपवे के पिलर और ट्रॉली अचानक गिर गए।
राजद ने इस पर सरकार को आड़े हाथ लिया है। राजद ने अपने आधिकारिक सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर शनिवार को पोस्ट किया, "भाजपा नीतीश सरकार की कमीशनखोरी का एक और उदाहरण। रोहतास में नवनिर्मित रोपवे ध्वस्त हुआ। ट्रायल रन में ही करोड़ों का नुकसान। एक जनवरी को आम जनता के लिए यह रोपवे खुलने वाला था। ईश्वर ने सरकार में बैठे भ्रष्ट भूखे भेड़ियों से सैकड़ों मासूमों को बचा लिया।"
रोहतास में निर्माणाधीन 13 करोड़ रुपए की रोपवे ट्रायल के दौरान धराशाई हो गया। यह रोपवे रोहतास प्रखंड मुख्यालय से ऐतिहासिक चौरासन मंदिर तक के दुर्गम रास्ते को सुगम बनाने के लिए बनाया जा रहा था। इसे नए साल में पर्यटकों के लिए खोलने का कार्यक्रम था।
शुक्रवार को ट्रायल के दौरान रोपवे का पिलर भार सहन नहीं कर सका और ट्रॉली समेत नीचे गिर गया। राहत की बात यह रही कि उस समय ट्रॉली में कोई व्यक्ति नहीं था, जिससे जनहानि टल गई।
यह रोपवे रोहतास प्रखंड मुख्यालय से ऐतिहासिक चौरासन मंदिर तक के दुर्गम रास्ते को सुगम बनाने के लिए बनाया जा रहा था। चौरासन मंदिर एक प्राचीन शिव मंदिर है। श्रद्धालु 84 सीढ़ियां चढ़कर मंदिर तक पहुंचते हैं।
ऐसा माना जाता है कि राजा हरिश्चंद्र ने यज्ञ करने के बाद इस मंदिर का निर्माण करवाया था। यह मंदिर रोहितेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर तक जाने वाली 84 सीढ़ियों के कारण इसका नाम "चौरासन" पड़ा है और इसे स्थानीय भाषा में 'चौरासन सिद्धि' कहा जाता है।