क्या 2026 में कॉरपोरेट आय में वृद्धि से एफआईआई की वापसी होगी?: एनालिस्ट

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क्या 2026 में कॉरपोरेट आय में वृद्धि से एफआईआई की वापसी होगी?: एनालिस्ट

सारांश

क्या 2026 में विदेशी संस्थागत निवेशक भारतीय बाजार में वापसी करेंगे? जीडीपी वृद्धि और कॉरपोरेट आय में सुधार के कारण संभावनाएं मजबूत हैं। पढ़ें एनालिस्ट की रिपोर्ट में क्या कहा गया है।

Key Takeaways

  • 2026 में एफआईआई की वापसी की संभावनाएँ।
  • गिरती रुपए की कीमत का प्रभाव।
  • विदेशी निवेशकों की गतिविधियों में बदलाव।
  • भारत में बढ़ते एफडीआई के आंकड़े।
  • लार्ज-कैप शेयरों में निवेश का रुजान।

नई दिल्ली, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मजबूत जीडीपी वृद्धि दर और कॉरपोरेट आय में सुधार के चलते 2026 में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की भारतीय बाजार में महत्वपूर्ण वापसी की उम्मीद की जा रही है। यह जानकारी एनालिस्ट द्वारा शनिवार को साझा की गई।

दिसंबर में, एफआईआई ने 22,130 करोड़ रुपए की बिकवाली की। वहीं, वित्त वर्ष 2025 में 1,58,407 करोड़ रुपए के शेयर बेचे, जो भारत में विदेशी निवेशकों की सबसे बड़ी बिकवाली है।

हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि मजबूत आर्थिक आउटलुक और आय की स्पष्टता के कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों के शेयरों की निकासी में कमी आने के संकेत मिल रहे हैं।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, “वर्ष 2025 के अंत तक, भारत में विदेशी निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली एक नया रिकॉर्ड बनाने की दिशा में बढ़ रही है।”

2024 में, एफआईआई ने एक्सचेंजों के माध्यम से लगभग 1,21,210 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। हालांकि, वर्ष के लिए शुद्ध एफआईआई प्रवाह सकारात्मक रहा क्योंकि उन्होंने प्राथमिक बाजार के माध्यम से 1,21,637 करोड़ रुपए का निवेश किया था, लेकिन 2025 के लिए शुद्ध बिक्री का आंकड़ा बहुत बड़ा है।

उन्होंने आगे कहा कि एफआईआई द्वारा लगातार बिकवाली ने इस वर्ष रुपए की तेज गिरावट में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, और मूलभूत कारकों में सुधार से 2026 में शुद्ध एफआईआई प्रवाह आकर्षित होने की संभावना है।

विश्लेषकों के अनुसार, लगातार एफआईआई बिकवाली, उच्च व्यापार घाटे के साथ, 2025 में रुपए की गिरावट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

वहीं, भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) लगातार बढ़ रहा है।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारत में नेट एफडीआई अप्रैल-अक्टूबर के दौरान लगभग दोगुना होकर 6.2 बिलियन डॉलर हो गई है, जो एक साल पहले 3.3 बिलियन डॉलर थी।

एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि रुपए की कमजोरी विदेशी निवेशकों को बाजार से दूर रख सकती है और रिटर्न तभी मिलने की उम्मीद है जब करेंसी लंबे समय (1-2 महीने) तक स्थिर हो जाए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशी निवेशक अभी भी लार्ज-कैप शेयरों में ज्यादा निवेश कर रहे हैं और फाइनेंशियल सेक्टर में वह ओवरवेट हैं।

Point of View

हमने देखा कि भारतीय बाजार में एफआईआई की गतिविधियों में उतार-चढ़ाव रहा है। 2026 में संभावित वापसी की उम्मीदें हैं, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सकती है।
NationPress
27/12/2025

Frequently Asked Questions

एफआईआई की वापसी कब संभव है?
विश्लेषकों का मानना है कि 2026 में विदेशी संस्थागत निवेशकों की वापसी संभव है, यदि आर्थिक स्थितियाँ अनुकूल रहीं।
एफआईआई ने कितनी बिकवाली की है?
एफआईआई ने दिसंबर में 22,130 करोड़ रुपए की बिकवाली की है।
क्या रुपए की कीमत में सुधार होगा?
विश्लेषकों के अनुसार, यदि मौलिक कारकों में सुधार होता है, तो 2026 में रुपए की कीमत में सुधार हो सकता है।
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