क्या बीजापुर में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ में 6 की मौत हुई?
सारांश
Key Takeaways
- बीजापुर में मुठभेड़ में 6 माओवादी मारे गए।
- सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन चलाया।
- मुठभेड़ में एक हाई-प्रोफाइल कमांडर भी शामिल था।
- स्थानीय प्रशासन ने ग्रामीणों से शांति की अपील की।
- तलाशी अभियान अभी भी जारी है।
बीजापुर, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के बीजापुर स्थित नेशनल पार्क क्षेत्र में पुलिस और माओवादियों के बीच मंगलवार को हुई मुठभेड़ में 6 माओवादी ढेर हो गए हैं। सुरक्षा बलों ने इस क्षेत्र में माओवादियों की उपस्थिति के संबंध में मिली जानकारी के आधार पर सर्च ऑपरेशन आरंभ किया था।
पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र यादव के अनुसार, सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच रुक-रुक कर फायरिंग होती रही। इस मुठभेड़ के दौरान मौके से 6 माओवादियों के शव, ऑटोमैटिक हथियार, स्टेनगन, रायफल और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई हैं।
मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों की पहचान करने का प्रयास जारी है। जानकारी के अनुसार, मारे गए माओवादियों में एक हाई-प्रोफाइल कमांडर भी शामिल है। क्षेत्र में तलाशी अभियान अभी भी जारी है और फायरिंग पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई है। इस समय सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। यह कार्रवाई नक्सल विरोधी अभियान में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "यह सफलता माओवादी संगठन के लिए एक बड़ा झटका है, जो अब नेतृत्वविहीन और दिशाहीन स्थिति में है। सुरक्षाबलों ने आसपास के क्षेत्रों में अतिरिक्त टीमें भेजी हैं ताकि अन्य फरार माओवादियों की घेराबंदी की जा सके।"
उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों के संयुक्त अभियान में तीन महिला और तीन पुरुष नक्सली मारे गए। क्षेत्र में अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है। मुठभेड़ के बाद की जानकारी जल्द ही साझा की जाएगी।
इससे पहले भी बीजापुर के तारलागुड़ क्षेत्र के अन्नाराम जंगलों में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें बलों ने सर्च अभियान के दौरान एक घायल माओवादी को जिंदा पकड़ लिया था। उसे तुरंत हिरासत में लेकर इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया था, उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। उससे पूछताछ भी शुरू कर दी गई है।
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, गोलीबारी की आवाज कई किलोमीटर तक सुनाई दी। डर के मारे कई लोग अपने घरों में बंद हो गए। प्रशासन ने ग्रामीणों से शांति बनाए रखने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत देने की अपील की है।