क्या छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पुलिस और माओवादी मुठभेड़ का खात्मा हुआ?

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क्या छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पुलिस और माओवादी मुठभेड़ का खात्मा हुआ?

सारांश

बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों ने माओवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। मुठभेड़ में एक नक्सली ढेर हुआ है और 103 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया। जानिए इस ऑपरेशन की पूरी कहानी और उसके पीछे के कारणों के बारे में।

Key Takeaways

  • बीजापुर में मुठभेड़ जारी है, एक नक्सली ढेर हुआ।
  • 103 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया।
  • आत्मसमर्पण में 49 उच्च पदस्थ कैडर शामिल थे।
  • राज्य ने पुनर्वास पैकेज के तहत सहायता दी।
  • पिछले दो वर्षों में माओवादियों की संख्या में कमी आई है।

बीजापुर, 2 अक्‍टूबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में गुरुवार सुबह सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच जारी मुठभेड़ अब भी चल रही है। यह मुठभेड़ गंगालूर थाना क्षेत्र में हो रही है, जिसमें एक नक्सली को मार गिराया गया है। पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी।

पुलिस अधिकारी एएसपी चंद्रकांत गोवर्ना ने बताया कि बीजापुर जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ सुबह 11 बजे से रुक-रुककर जारी है। सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ स्थल से एक माओवादी का शव, हथियार, विस्फोटक सामग्री और अन्य नक्सली सामान बरामद किया है। फिलहाल ऑपरेशन जारी है, इसलिए मुठभेड़ स्थल और सुरक्षाबलों की संख्या जैसी संवेदनशील जानकारी साझा नहीं की गई है।

पुलिस ने बताया कि अभियान पूर्ण होने के बाद विस्तृत जानकारी दी जाएगी।

इससे पहले, बीजापुर जिले में 103 माओवादियों ने गुरुवार को वरिष्ठ पुलिस और अर्धसैनिक अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया। यह आत्मसमर्पण क्षेत्र में माओवादी नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है।

हथियार डालने वालों में 49 माओवादी शामिल थे, जिन पर कुल 1.06 करोड़ रुपए का इनाम घोषित था, जिनमें डीवीसीएम, पीपीसीएम, एसीएम, मिलिशिया कमांडर और जनता सरकार के सदस्य जैसे उच्च पदस्थ कैडर शामिल थे।

यह कार्यक्रम पुना मार्गेम के बैनर तले आयोजित किया गया, जो एक राज्य-संचालित पहल है जो पुनर्वास को पुनर्जन्म के मार्ग के रूप में बढ़ावा देती है। यह आत्मसमर्पण पुलिस उप महानिरीक्षक कमलोचन कश्यप, डीआईजी सीआरपीएफ सेक्टर बीजापुर बीएस नेगी, एसपी बीजापुर जितेंद्र कुमार यादव और सीआरपीएफ तथा कोबरा बटालियन के कई कमांडेंट सहित शीर्ष अधिकारियों की उपस्थिति में हुआ।

आत्मसमर्पण करने वाले सभी माओवादियों को राज्य के पुनर्वास पैकेज के तहत 50 हजार रुपए का चेक दिया गया।

पिछले दो वर्षों में कुल 924 गिरफ्तारियां, 599 आत्मसमर्पण, और 195 माओवादियों की मौत हुई। अधिकारियों का मानना है कि यह रुझान माओवादी विचारधारा की कमजोरी और नक्सल-विरोधी अभियानों की बढ़ती प्रभावशीलता को दर्शाता है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ में माओवादी समस्या को समाप्त करने के लिए सरकार और सुरक्षा बलों की कोशिशें लगातार जारी हैं। यह मुठभेड़ और आत्मसमर्पण इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
NationPress
02/10/2025

Frequently Asked Questions

बीजापुर में मुठभेड़ कब शुरू हुई?
मुठभेड़ 2 अक्टूबर को सुबह शुरू हुई।
इस मुठभेड़ में क्या हुआ?
इस मुठभेड़ में एक नक्सली को मार गिराया गया है।
आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों की संख्या कितनी है?
103 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।
आत्मसमर्पण करने वालों को क्या पुरस्कार दिया गया?
उन्हें 50 हजार रुपए का चेक दिया गया।
इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य क्षेत्र में माओवादी नेटवर्क को ध्वस्त करना है।