क्या ममता बनर्जी घुसपैठ को बढ़ावा दे रही हैं: गौरव भाटिया?
सारांश
Key Takeaways
- भाजपा ने ममता पर गंभीर आरोप
- एसआईआर प्रक्रिया का उद्देश्य स्पष्टता
- पश्चिम बंगाल की राजनीति में उठल-पुथल
- घुसपैठियों के खिलाफ भाजपा का संकल्प
- ममता का तुष्टिकरण का आरोप
नई दिल्ली, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में एसआईआर की सफलता के बाद, चुनाव आयोग ने देश के 12 राज्यों में यह प्रक्रिया आरंभ की है। इसी के तहत, पश्चिम बंगाल में भी एसआईआर प्रक्रिया चल रही है, जिसका विरोधी दल विरोध कर रहे हैं। इस संदर्भ में भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने ममता बनर्जी की सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी इस प्रक्रिया से घबरा गई हैं और तुष्टीकरण की सीमाएं लांघ रही हैं।
भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें घुसपैठ को संरक्षण देने, फर्जी वोटों पर आधारित राजनीति करने और संवैधानिक प्रक्रियाओं का विरोध करने का आरोप शामिल है।
गौरव भाटिया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि 12 राज्यों में एसआईआर प्रक्रिया चल रही है और यह पूरी तरह से संवैधानिक व्यवस्था के तहत हो रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में, विशेषकर पश्चिम बंगाल में, ममता बनर्जी ने तुष्टीकरण की पराकाष्ठा पार करते हुए इस प्रक्रिया से घबरा गई हैं। एसआईआर के माध्यम से यह सुनिश्चित होगा कि केवल भारतीय नागरिक ही वोट कर सकें। इससे आखिर चिंता किस बात की है?
भाटिया ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की जनता ने ममता बनर्जी को नकार दिया है और आगामी चुनावों में राज्य में भाजपा
उन्होंने आगे कहा कि ममता बनर्जी की राजनीति सांप्रदायिकता और घुसपैठियों के वोट पर आधारित है। टीएमसी सरकार ने केवल फर्जी वोटों के लिए घुसपैठियों को अवैध दस्तावेज उपलब्ध कराए और उन्हें बढ़ावा दिया।”
भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का स्पष्ट संकल्प है कि देश में सरकारें भारतीय नागरिक चुनेंगी, कोई घुसपैठिया नहीं।
वहीं, भाजपा नेता संजय उपाध्याय ने भी टीएमसी और विपक्षी गठबंधन पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि टीएमसी और इंडिया गठबंधन के पास अब कोई असरदार राजनीतिक मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए वे तुष्टीकरण की राजनीति पर निर्भर हो गए हैं। एसआईआर प्रक्रिया शुरू होने के बाद बॉर्डर इलाकों में हलचल बढ़ी है, जिससे टीएमसी की हालत कमजोर हुई है।
उन्होंने हुमायूं कबीर के ‘बाबरी मस्जिद’ वाले बयान को चुनावी रणनीति करार देते हुए कहा कि ममता बनर्जी फिर से धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही हैं। चुनाव जीतने के लिए बाबरी मुद्दा उठाना बेहद निंदनीय है। मैं पश्चिम बंगाल सरकार और ममता बनर्जी के इस कृत्य की कड़ी निंदा करता हूं।