क्या भाजपा अपने हर कार्यकर्ता की प्रतिभा और मेहनत को तवज्जो देती है?

सारांश
Key Takeaways
- भाजपा में कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने का अवसर मिलता है।
- परिवारवाद के कारण कांग्रेस में अवसरों की कमी है।
- जगदीश भाई विश्वकर्मा का कार्यकाल समाज के हित में महत्वपूर्ण रहेगा।
- हर्ष संघवी ने राहुल गांधी की स्थिति पर आलोचना की।
- भाजपा में सभी वर्गों के लिए अवसर हैं।
अहमदाबाद, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जगदीश भाई विश्वकर्मा शनिवार को गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी ग्रहण करने जा रहे हैं। इस पर प्रदेश के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने खुशी व्यक्त की।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि ऐसा केवल भारतीय जनता पार्टी में ही संभव है कि कोई व्यक्ति बूथ स्तर के कार्यकर्ता से लेकर मंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने जा रहा है। इस तरह का अवसर केवल भाजपा में काम करने वाले कार्यकर्ताओं को मिलता है। इस प्रकार की स्थिति आपको कांग्रेस में नहीं देखने को मिलेगी। इसकी वजह स्पष्ट है, क्योंकि वहां पर परिवारवाद हावी है। ऐसे में मेहनत करने वालों को उपेक्षित होना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि हमारे प्रिय जगदीश भाई विश्वकर्मा अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने जा रहे हैं। इस खास मौके पर पार्टी के कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल है। हम सभी उनका स्वागत करने के लिए तत्पर हैं। जगदीश भाई ने समाज के विभिन्न वर्गों के हित के लिए काम किया है, जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि वह पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर समाज के कल्याण के लिए कार्य करेंगे। उन्होंने हमेशा लोगों के हित को प्राथमिकता दी है और किसी के हितों से समझौता नहीं किया है।
मंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एकमात्र ऐसी पार्टी है जो गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि से आने वाले लोगों को भी आगे बढ़ने का अवसर देती है। हमारी पार्टी लोगों की प्रतिभा और मेहनत को महत्व देती है।
इस बीच, उन्होंने कांग्रेस पार्टी के नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि आज राहुल गांधी की स्थिति ऐसी हो गई है कि भारतीय राजनीति में कोई भी उन्हें गंभीरता से नहीं ले रहा है। इतना ही नहीं, उनके अपने कार्यकर्ता भी उनकी सुनने को तैयार नहीं हैं। यह स्पष्ट है कि पार्टी में अब उनकी प्रासंगिकता समाप्त हो चुकी है। ऐसे में मुझे लगता है कि कांग्रेस को अपनी विसंगतियों पर आत्मचिंतन करना चाहिए।