क्या अमेरिकी टैरिफ पर भाजपा सांसदों ने किसानों और छोटे उद्योगों के हितों की रक्षा की?

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क्या अमेरिकी टैरिफ पर भाजपा सांसदों ने किसानों और छोटे उद्योगों के हितों की रक्षा की?

सारांश

क्या भारतीय सांसदों ने अमेरिकी टैरिफ के बावजूद किसानों और छोटे उद्योगों के हितों की रक्षा की है? जानें इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर भाजपा नेताओं की राय और अमेरिका के हालिया कदमों का असर भारत पर।

Key Takeaways

  • भारत ने अमेरिका के टैरिफ का विरोध किया है।
  • सरकार किसानों और छोटे उद्योगों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
  • भाजपा सांसदों ने स्पष्ट किया है कि समझौतों में कोई समझौता नहीं होगा।
  • अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाया है।
  • सरकार देशहित को ध्यान में रखकर निर्णय ले रही है।

नई दिल्ली, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत सरकार ने कृषि और डेयरी क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर किसी भी प्रकार के समझौते का विरोध किया है। इस स्थिति से असंतुष्ट होते हुए अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने स्पष्ट किया है कि सरकार देश के किसानों, मध्यम वर्ग और छोटे उद्यमियों के हितों से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगी।

भाजपा सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "किसानों और छोटे उद्योगों की रक्षा के लिए हमारी सरकार पूरी तरह सक्षम है। हमारी सरकार किसानों की सरकार है। हमारी सरकार मिडिल क्लास और छोटे उद्यमियों की सरकार है। इसलिए जनता और देश की आर्थिक व्यवस्था सर्वोपरि है। इससे कोई समझौता नहीं होगा।"

राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि सरकार हर निर्णय देशहित को ध्यान में रखते हुए ले रही है। उन्होंने कहा, "सरकार देशहित को ध्यान में रखकर फैसला कर रही है। कृषि, डेयरी, और छोटे उद्योगों पर सरकार का पूरा ध्यान है। इन क्षेत्रों पर कोई आंच आएगी तो सरकार कोई फैसला नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि हम किसी के सामने नहीं झुकते हैं।"

जेडीयू के सांसद संजय झा, जो एनडीए गठबंधन का हिस्सा हैं, ने कहा कि सरकार पूरी स्थिति से भली-भांति अवगत है। संजय झा ने कहा, "एनडीए सरकार किसान हित में काम करती है। प्रधानमंत्री मोदी वही फैसला लेंगे, जो देशहित में होगा।"

भाजपा सांसद जयप्रकाश रावत ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस स्थिति से देश को उबारने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि हम किसी के दबाव में नहीं आएंगे। हम अपने उसूलों के सामने झुकने वाले नहीं हैं।"

गौरतलब है कि अमेरिका भारत के अपने कृषि और डेयरी क्षेत्र में एंट्री चाहता है, लेकिन भारत इस समझौते को करने के लिए तैयार नहीं है। भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा, जैसा कि ब्रिटेन के साथ आर्थिक और व्यापार समेत अन्य समझौतों के मामले में हुआ।

Point of View

बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी इसका गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
NationPress
01/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या भारत कृषि और डेयरी क्षेत्र में अमेरिका के साथ समझौता करेगा?
भारत ने स्पष्ट किया है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए किसी भी समझौते के लिए तैयार नहीं है।
भाजपा सांसदों ने अमेरिकी टैरिफ पर क्या प्रतिक्रिया दी?
भाजपा सांसदों ने कहा है कि वे किसानों और छोटे उद्योगों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।