क्या ब्रह्मोस मिसाइल भारत की ताकत और आत्मनिर्भरता का सबसे बड़ा प्रमाण है?

सारांश
Key Takeaways
- ब्रह्मोस मिसाइल भारत की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
- रक्षा मंत्री के अनुसार, यह तकनीकी उपलब्धियों का प्रमाण है।
- उत्तर प्रदेश अब निवेश और उद्योग का केंद्र बन रहा है।
- भारत को हर स्तर की तकनीक विकसित करनी होगी।
- ब्रह्मोस केवल हथियार नहीं, बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा करता है।
लखनऊ, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। धनतेरस के शुभ अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट के कार्यक्रम में देश की रक्षा, तकनीकी आत्मनिर्भरता और उत्तर प्रदेश के विकास पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि आज का दिन न केवल लखनऊ के लिए, बल्कि समूचे देश के लिए गर्व का अवसर है।
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा, "मैं महादेव से प्रार्थना करता हूं कि उनका आशीर्वाद सभी देशवासियों पर बना रहे।"
उन्होंने कहा कि लखनऊ उनके लिए सिर्फ एक संसदीय क्षेत्र नहीं, बल्कि भावनाओं से जुड़ा स्थान है। उन्होंने लखनऊ के तेज विकास पर प्रसन्नता जताई और कहा कि जैसे-जैसे ब्रह्मोस की विश्वसनीयता बढ़ेगी, लखनऊ की पहचान भी और मजबूत होगी।
रक्षा मंत्री ने कहा कि ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें केवल तकनीकी उपलब्धि नहीं हैं, बल्कि देश की बढ़ती शक्ति और आत्मनिर्भरता का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा, "आज लखनऊ में देश की सबसे आधुनिक मिसाइल का निर्माण हो रहा है। यह कोई साधारण घटना नहीं है, यह भारत की सुरक्षा और सामर्थ्य का प्रैक्टिकल प्रूफ है।"
उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल के सफल प्रयोग ने न केवल भारत की सैन्य क्षमता को साबित किया, बल्कि देश का आत्मविश्वास भी बढ़ाया। राजनाथ सिंह ने कहा, "ब्रह्मोस ने यह दिखाया कि जीत अब हमारे लिए एक आदत बन चुकी है। बड़े शहरों से लेकर छोटे गांव तक, हर कोई अब भारत की इस ताकत को महसूस कर रहा है।"
उत्तर प्रदेश के बदलाव पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि एक समय जब राज्य को 'गुंडाराज' के रूप में जाना जाता था, निवेशक यहां आने से कतराते थे। लेकिन आज योगी आदित्यनाथ के मजबूत नेतृत्व में उत्तर प्रदेश का चेहरा बदल गया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश निवेश, उद्योग और नवाचार का केंद्र बन रहा है।
रक्षामंत्री ने आगे कहा कि अब भारत को हर स्तर की तकनीक, चाहे वह बड़ी हो या छोटी, देश में ही विकसित करनी होगी। उन्होंने कहा, "हमें स्पेयर पार्ट तक के लिए विदेशों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। बड़ी इंडस्ट्री के साथ छोटी इंडस्ट्री को भी बढ़ाना होगा। यही असली आत्मनिर्भरता है।"
राजनाथ सिंह ने कहा कि ब्रह्मोस जैसी परियोजनाएं न केवल देश की सुरक्षा को मजबूत करती हैं, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी गति देती हैं। उन्होंने कहा, "हर मिसाइल सिर्फ हमारी रक्षा नहीं करती, बल्कि रोजगार और विकास के नए अवसर भी पैदा करती है। ब्रह्मोस केवल हथियार नहीं, बल्कि समाज में नई रोशनी लाने का माध्यम है।"
कार्यक्रम के अंत में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के '2047 तक विकसित भारत' के लक्ष्य का उल्लेख करते हुए कहा कि रक्षा क्षेत्र इस विजन को पूरा करने में निर्णायक भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस जैसी शक्तियां यह विश्वास दिलाती हैं कि 'मेक इन इंडिया' अब केवल नारा नहीं, बल्कि भारत की हकीकत है।