क्या प्रधानमंत्री मोदी के आश्वासन के बाद विश्वामित्र कॉरिडोर का सपना साकार होगा?

सारांश
Key Takeaways
- बक्सर का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व
- विश्वामित्र कॉरिडोर का प्रस्ताव
- 51 गरीब लड़कियों का विवाह
- प्रधानमंत्री मोदी का आश्वासन
- स्थानीय पहचान को राष्ट्रीय मान्यता की आवश्यकता
बक्सर, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के बक्सर में एक अत्यंत विशाल सनातन संस्कृति उत्थान कार्यक्रम एवं सनातनी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे ने कहा कि बक्सर केवल एक जिला नहीं है, बल्कि यह भारत की सनातन चेतना का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जहाँ भगवान राम ने धर्म और युद्ध का पाठ पढ़ाया और विश्वामित्र मुनि ने यज्ञ की रक्षा की।
उन्होंने 51 गरीब परिवार की लड़कियों के विवाह की घोषणा भी की। बक्सर के चक्की गांव में आयोजित इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने 10 ठोस मांगें रखीं, जिनमें विश्वामित्र मुनि की आदमकद प्रतिमा, च्यवन ऋषि स्मारक, राम-ताड़का युद्ध क्षेत्र को “धर्म युद्ध सर्किट” घोषित करना, पंचकोशी परिक्रमा को राष्ट्रीय तीर्थ पथ का दर्जा देना और “विश्वामित्र कॉरिडोर” का निर्माण शामिल है।
चौबे ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्होंने पीएमओ को पत्र भेजा था और वहां से फोन पर आश्वासन मिला है कि उनकी बातें संज्ञान में ली गई हैं और कार्य प्रारंभ होगा। उन्होंने इसे पूरे बक्सर के लिए ऐतिहासिक क्षण करार दिया। चौबे ने बक्सर की ऐतिहासिक महत्ता को रेखांकित करते हुए बताया कि यही वह भूमि है जहाँ ताड़का, मारीच और सुबाहु जैसे अधर्म के प्रतीकों का अंत हुआ, च्यवन ऋषि ने आयुर्वेदिक अमृत च्यवनप्राश की खोज की, अहिल्या का उद्धार हुआ, यह वामन अवतार की पुण्य भूमि है और पंचकोशी परिक्रमा आत्मा की मुक्ति का मार्ग प्रदान करती है।
उन्होंने कहा कि इतनी महान विरासत होने के बावजूद बक्सर को आज तक उसका उचित सम्मान नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि जब तक बक्सर को आध्यात्मिक राजधानी का दर्जा नहीं मिल जाता, विश्वामित्र आश्रम को अंतरराष्ट्रीय धरोहर का मान नहीं मिलता और पंचकोशी तीर्थ को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान नहीं दी जाती, तब तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी।
उन्होंने पूरे बिहार से आह्वान किया कि बक्सर को उसकी गरिमा चाहिए और सनातन की लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि चक्की गांव से ही एक नई शुरुआत की जाएगी और हर साल 51 गरीब परिवारों की लड़कियों का विवाह किया जाएगा। इस अवसर पर कई लोगों को भी सम्मानित किया गया।