क्या चाईबासा कॉलेज के युवा शिक्षक ने फांसी लगाकर जान दी? आठ माह पहले हुई थी शादी

सारांश
Key Takeaways
- परिवारों को मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।
- समाज में आत्महत्या की घटनाओं को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
- पुलिस जांच से सच्चाई का पता लगाना संभव है।
जमशेदपुर, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में गुरुवार को आत्महत्या की दो घटनाएं सामने आने से सनसनी फैल गई।
परसुडीह थाना क्षेत्र के सोपोडेरा के निवासी चाईबासा कॉलेज के युवा व्याख्याता रोहन श्रीवास्तव ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। दूसरी ओर, आदित्यपुर थाना क्षेत्र के गम्हरिया स्टेशन रोड में एक लेथ मशीन ऑपरेटर नारायण कुमार मंडल ने भी खुदकुशी की।
दोनों घटनाएं बुधवार देर रात की हैं, जिसकी जानकारी गुरुवार को मिली।
चाईबासा कॉलेज के युवा व्याख्याता रोहन श्रीवास्तव की शादी आठ माह पहले हुई थी। बुधवार की रात उन्होंने पत्नी से चाय बनाने को कहा और खुद कमरे में चले गए। जब पत्नी चाय लेकर पहुंची, तो दरवाजा अंदर से बंद था। बार-बार दस्तक देने पर भी कोई जवाब नहीं आया, अंततः दरवाजा तोड़ा गया। रोहन पंखे से लटकते मिले। कमरे में ड्रेसिंग टेबल के आईने पर 'सॉरी मोटो' लिखा था, जबकि उनके तलवे पर 'मनी' शब्द अंकित था।
पुलिस का मानना है कि यह निजी संदेश हो सकता है। पूरे मामले की जांच चल रही है। हाल ही में शादी करने वाले रोहन आमतौर पर खुशमिजाज थे। अचानक इस कदम से परिवार और परिचितों में हैरानी है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
दूसरी घटना आदित्यपुर थाना क्षेत्र की है। यहां 35 वर्षीय नारायण कुमार मंडल रोज की तरह काम से लौटने के बाद खाना खाकर कमरे में सोने गए। देर रात पत्नी ने दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। दरवाजा तोड़कर देखा गया, तो वे गमछे से फांसी पर लटके पाए गए। आनन-फानन में उन्हें टाटा मुख्य अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
गुरुवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया। नारायण अपनी पत्नी, दो बच्चों और माता-पिता के साथ रहते थे। लोगों के अनुसार, नारायण नशे के आदी थे और तनाव में रहते थे। पुलिस मामले की जांच कर रही है।